बुंदेलखंड में इस साल मूंग की खेती करने वालों किसानों की होगी बंपर पैदावार, मॉनसून ने दिया साथ तो होगी मोटी कमाई

बुंदेलखंड में इस साल मूंग की खेती करने वालों किसानों की होगी बंपर पैदावार, मॉनसून ने दिया साथ तो होगी मोटी कमाई

उपनिदेशक कृषि ने आगे बताया कि इस साल मूंग की खेती का ग्राफ पिछले खरीफ के सीजन की तुलना में काफी बढ़ा है. मूंग की बंपर पैदावार में बुंदेलखंड का महोबा पहले नंबर पर है.

बुंदेलखंड में मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी (Photo-Kisan Tak)बुंदेलखंड में मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jul 28, 2024,
  • Updated Jul 28, 2024, 12:32 PM IST

Bundelkhand Moong Ki Kheti: अगर किसान दलहन की फसलें उगाएं तो किसानों को बेहद कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. अगर आपके खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था है तो आप दलहन की खेती कर सकते हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट और आसपास के तमाम इलाकों में किसान सबसे ज्यादा मूंग की खेती करते है. वहीं बुंदेलखंड के किसानों को इस बार मूंग की बंपर पैदावार होने की उम्मीद हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में हमीरपुर के उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट और आसपास के सात लाख से अधिक किसान मूंग की खेती करते है. इस वक्त किसान अपने खेत में बुवाई कर रहे है, लेकिन बारिश होने की वजह से खेती थोड़ी प्रभावित हो रही हैं.

बुंदेलखंड में इस साल 20 हजार हेक्टेयर में मूंग की बोआई

उन्होंने बताया कि इस साल खरीफ की फसलों में मूंग की खेती मंडल के हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट जिले में करीब 20 हजार हेक्टेयर में कराई जा रही है. वहीं पिछले साल बुंदेलखंड मंडल में 14 हजार से हेक्टेयर क्षेत्रफल में मूंग की बोआई हुई थी. अकेले हमीरपुर में 3157 हेक्टेयर में किसान मूंग की बोआई कर रहे है. 

मूंग की पैदावार में बुंदेलखंड का महोबा नंबर-1

उपनिदेशक कृषि ने आगे बताया कि इस साल मूंग की खेती का ग्राफ पिछले खरीफ के सीजन की तुलना में काफी बढ़ा है. मूंग की बंपर पैदावार में बुंदेलखंड का महोबा पहले नंबर पर है. उन्होंने बताया कि अकेले हमीरपुर में 2 लाख 23 हजार किसान मूंग की बोआई कर रहे है. वहीं मॉनसून की बारिश होने के कारण फसल की बोआई करने में थोड़ी परेशानी हो रही है. क्योंकि खेत बारिश के पानी से गिला हो जाता है. ऐसे में 4-5 दिन बाद ही किसान बोआई कर पता है. उन्होंने कहा कि इस साल मूंग की बंपर पैदावार की किसानों ने उम्मीद लगाई है. हरीशंकर भार्गव के मुताबिक, मूंग की फसल बेहतर होने से किसानों की आय भी बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. यहीं वजह है कि खरीफ की फसलों में मूंग की खेती को किसान प्राथमिकता देते थे इसीलिए इस साल इसकी खेती का रकबा शासन ने बढ़ाया है. पिछले कई सालों से इसकी खेती का क्षेत्रफल बुंदेलखंड मंडल में तेजी से बढ़ रहा है. 

मूंग की बुवाई के समय रखें खास ध्यान

हमीरपुर के उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि खेत में मूंग के बीज बोने से पहले उनका बीजशोधन जरूर कर लें, इससे स्वस्थ और रोगमुक्त फसल लेने में खास मदद मिलती है. मूंग के बीजों को कतारों में बोयें, जिससे निराई-गुड़ाई करने में आसानी रहे और खरपतवार निकाले जा सकें. अगर संभव हो तो मूंग की बोआई मेड़ो पर करें, इससे बेहतर पैदावार मिलती है और भारी बारिश होने पर फसल को नुकसान नहीं होता है. उन्होंने बताया कि मूंग की खेती करके किसान कम समय में बेहतर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. किसानों को बोआई के लिए अच्छी किस्म और गुणवत्ता वाले बीजों का चुनाव करना चाहिए.

 

MORE NEWS

Read more!