निर्यात में गिरावट के बावजूद क्यों बढ़ रहे हैं प्याज के दाम, यहां समझें पूरा खेल?

निर्यात में गिरावट के बावजूद क्यों बढ़ रहे हैं प्याज के दाम, यहां समझें पूरा खेल?

बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि ज्यादातर किसानों ने रबी प्याज की कटाई करने के बाद अपने पास रख लिया है और इसे बेचने में देरी की है. नासिक में लासलगांव के थोक बाजार के एक व्यापारी ने कहा कि मौजूदा कीमत में वृद्धि दो मुख्य कारणों से है - कम आवक और खरीफ फसल को लेकर डर का माहौल.

प्याज की कीमत (सांकेतिक तस्वीर)प्याज की कीमत (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 13, 2024,
  • Updated Aug 13, 2024, 5:50 PM IST

निर्यात में गिरावट के बावजूद भी पूरे देश में प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. अधिकांश खुदरा बाजारों में अब यह 35-45 रुपये किलो पर बिक रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार प्याज का रकबा कम था. साल 2023 में 12.26 लाख हेक्टेयर रबी प्याज की बुवाई की गई थी. वहीं, इस चालू वर्ष में लगभग 7.56 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. खास बात यह है कि रबी प्याज देश में खपत होने वाले कुल प्याज का 72-75 प्रतिशत से अधिक है. इससे भी कीमतें बढ़ रही हैं. 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल खरीफ प्याज की बुआई सामान्य से कम रही है. देश में 1.54 लाख हेक्टेयर में ही खरीफ प्याज की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल इसका आंकड़ा 2.85 लाख हेक्टेयर था. हालांकि, इस क्षेत्र में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि नासिक और अन्य क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है और बुआई सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि ज्यादातर किसानों ने रबी प्याज की कटाई करने के बाद अपने पास रख लिया है और इसे बेचने में देरी की है. नासिक में लासलगांव के थोक बाजार के एक व्यापारी ने कहा कि मौजूदा कीमत में वृद्धि दो मुख्य कारणों से है - कम आवक और खरीफ फसल को लेकर डर का माहौल. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि जब साल के अंत में नई फसल आएगी, तब कीमतें कम हो सकती हैं. निफाड़ तालुका में स्थित लासलगांव का थोक बाजार देश का सबसे बड़ा प्याज बाजार है.

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कितना हुआ प्याज का निर्यात

पिछले साल से ही केंद्र सरकार ने प्याज के प्रति सख्त रवैया अपनाया हुआ है. तकनीकी रूप से, निर्यात की अनुमति है, लेकिन 40 प्रतिशत के उच्च निर्यात शुल्क और 550 डॉलर प्रति टन के एमईपी ने सभी निर्यातों को रोक दिया है. नए निर्यात आंकड़े बताते हैं कि भारत, जो प्याज के प्रमुख निर्यातकों में से एक है, ने 91,316.31 टन प्याज निर्यात किया है जो भारत द्वारा सामान्यतः निर्यात किए जाने वाले वार्षिक 24-25 लाख टन से बहुत कम है. 

पिछले सप्ताह, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने निर्यात प्रतिबंध के लिए सार्वजनिक रूप से "माफी मांगी". पवार का बयान इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में चिंता का गहरा प्रतिबिंब था. यह प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय था, जिसके कारण सत्तारूढ़ गठबंधन को लोकसभा चुनावों में राज्य के प्याज बेल्ट में सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. पूर्व मंत्री भारती पवार, पंकजा मुंडे और सुजय विखे-पाटिल जैसे भाजपा के बड़े नेता अपेक्षाकृत नए लोगों से हार गए.

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