Wheat Procurement: स‍िर्फ एक महीने में हास‍िल हुआ गेहूं खरीद का आधा टारगेट, नौ लाख क‍िसानों को म‍िला एमएसपी का फायदा

Wheat Procurement: स‍िर्फ एक महीने में हास‍िल हुआ गेहूं खरीद का आधा टारगेट, नौ लाख क‍िसानों को म‍िला एमएसपी का फायदा

गेहूं की सरकारी खरीद के मामले में इस समय पंजाब सबसे आगे है. यहां पर 83 लाख टन से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है. जबक‍ि सबसे ज्यादा 130 लाख टन का टारगेट भी पंजाब को ही द‍िया गया है. दूसरी ओर, 125 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का बोनस देने के बावजूद मध्य प्रदेश में खरीद की रफ्तार धीमी है.

इस साल 2275 रुपये क्व‍िंटल पर खरीदा जा रहा है गेहूं.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Apr 30, 2024,
  • Updated Apr 30, 2024, 12:20 PM IST

देश में इस समय गेहूं की खरीद फुल स्पीड में जारी है. सोमवार 29 अप्रैल तक सरकार ने अपने लक्ष्य का आाधा गेहूं खरीद ल‍िया है. जबक‍ि लगभग एक महीने पहले ही अध‍िकांश सूबों में खरीद शुरू हुई थी, जो 30 जून तक जारी रहेगी. बहरहाल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 184 लाख टन से अध‍िक गेहूं की खरीदा जा चुका है, जबक‍ि रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 में 372.9 लाख मीट्र‍िक टन की खरीद की जानी है. अब तक 8,95,575 क‍िसानों को एमएसपी का फायदा म‍िल चुका है, हालांक‍ि बेचने के ल‍िए 34,23,554 क‍िसानों ने रज‍िस्ट्रेशन करवाया हुआ है. इस साल क‍िसानों से 2275 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के दाम पर गेहूं की खरीद की जा रही है. दूसरी ओर, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राज्य सरकार अपनी तरफ से 125 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की दर से बोनस भी दे रही है.   

खरीद की रफ्तार को देखते हुए सरकार को उम्मीद है क‍ि इस साल गेहूं खरीदने का लक्ष्य हास‍िल हो जाएगा. प‍िछले दो साल से सरकार लक्ष्य से पीछे रह रही थी. रबी सीजन 2023-24 में 341.5 लाख मीट्र‍िक टन की बजाय स‍िर्फ 262 लाख मीट्र‍िक टन की ही खरीद हो पाई थी. जबक‍ि उससे पहले 2022-23 में 444 लाख मीट्र‍िक टन की जगह स‍िर्फ 187.92 लाख टन गेहूं ही खरीदा जा सका था. इसल‍िए 1 अप्रैल 2024 को बफर स्टॉक अपने नॉर्म्स के बॉर्डर पर आ गया.  

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इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा खरीद

  • गेहूं की सरकारी खरीद के मामले में इस समय पंजाब सबसे आगे है. यहां पर 83 लाख टन से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है. जबक‍ि सबसे ज्यादा 130 लाख टन का टारगेट भी पंजाब को ही द‍िया गया है. 
  • एमएसपी पर गेहूं खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर हर‍ियाणा है. यहां पर 80 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य म‍िला है, जबक‍ि अब तक 56 लाख मीट्र‍िक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है. 
  • मध्य प्रदेश में अब तक 35 लाख मीट्र‍िक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है. यहां भी 80 लाख मीट्र‍िक टन खरीदने का लक्ष्य द‍िया गया है. बोनस के बावजूद यहां खरीद की रफ्तार धीमी है. 
  • देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक प्रदेश यूपी में अब तक 5,39,472 मीट्र‍िक टन की खरीद हुई है, जबक‍ि टारगेट 60 लाख मीट्र‍िक टन का है. राजस्थान में 20 लाख टन के टारगेट के व‍िपरीत अब तक 4,01,047 टन की खरीद हुई है. 

गेहूं खरीद का भार तीन सूबों पर 

इस वर्ष 1 अप्रैल को सेंट्रल पूल में गेहूं का स्टॉक महज 75.02 लाख टन था, जो बफर स्टॉक के नॉर्म्स से थोड़ा सा ही ज्यादा है. नॉर्म्स के अनुसार 1 अप्रैल को 74.60 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं बफर स्टॉक में होना चाह‍िए. ऐसे में इस साल सरकार पर गोदाम भरने का काफी दबाव है. क्योंक‍ि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने का वादा भी क‍िया गया है. बहरहाल, टारगेट का आधा गेहूं खरीद ल‍िया गया है. सबसे ज्यादा खरीद पंजाब, हर‍ियाणा और मध्य प्रदेश से हो रही है. इन्हीं तीनों सूबों पर सरकारी गोदामों को गेहूं से भरने का दबाव है. 

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