धान के बाद गेहूं भारत की प्रमुख फसल है. यह रबी सीजन की भी प्रमुख फसल है. यह भारत के उत्तर और उत्तरी पश्चिमी प्रदेशों के लाखों लोगों का मुख्य भोजन है. गेहूं प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेटस का स्रोत है. चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं का उत्पादक देश है. इसका इस्तेमाल दाने को पीसकर के आटा, ब्रेड, केक, दलिया, कुकीज, पास्ता के साथ-साथ बियर और शराब बनाने में भी किया जाता है. गेहूं की कुछ मात्रा पशुओं के चारे के रूप में भी प्रयोग किया जाता है और इससे उत्पादित भूसे का भी प्रयोग पशुओं के चारे में किया जाता है. गेहूं का उत्पादन भारत के 14 राज्यों में होता है. लेकिन पांच राज्यों में इसकी बंपर खेती होती है.
गेहूं उत्पादन सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में होता है लेकिन इसे लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहते हैं हरियाणा और पंजाब. क्योंकि यहां पर एमएसपी पर इसकी खरीद सबसे ज्यादा होती है. जिन दो फसलों की सबसे ज्यादा सरकारी खरीद होती है उनमें गेहूं और चावल शामिल हैं. फिलहाल बात करते हैं गेहूं उत्पादक राज्यों की. इसकी खेती उत्तर भारत में ज्यादा होती है.
उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है. जिसका कुल उत्पादन में योगदान करीब 32 फीसदी है. मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है. यहां देश का करीब 19 फीसदी गेहूं होता है. पंजाब में 15 फीसदी गेहूं होता है. हरियाणा गेहूं उत्पादन में देश में चौथे नंबर पर है यहां देश का करीब 11 परसेंट गेहूं पैदा होता है. पांचवां नंबर राजस्थान का है जहां करीब 10 फीसदी गेहूं का उत्पादन होता है.बिहार में 5.4 फीसदी, गुजरात में देश का 3.1, महाराष्ट्र में 1.9, उत्तराखंड में 0.8 और पश्चिम बंगाल में देश का 0.5 प्रतिशत गेहूं पैदा होता है.
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भारत में गेहूं प्रमुख खाद्यान्न फसल है. फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है. केंद्र सरकार के अनुसार 1127.43 लाख टन गेहूं उत्पादन अनुमानित है, जो पिछले साल के मुकाबले 50.01 लाख टन ज्यादा है. भारत गेहूं का बड़ा निर्यातक है. लेकिन फिलहाल सरकार ने इसके एक्सपोर्ट पर मई 2022 से रोक लगाई हुई है ताकि घरेलू स्तर पर कीमतें काबू में रहें. केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को जो अनाज मुहैया करवाती है उसमें गेहूं का हिस्सा सबसे अधिक होता है. इस साल सरकार ने 341.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा हुआ था लेकिन 262 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हो पाई.