हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने केंद्र सरकार से चावल निर्यात पर लगे प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सेला राइस पर लगी 20 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी को भी तुरंत प्रभाव से हटाना चाहिए. जिससे किसानों, मिलर्स व आढ़तियों को राहत मिल सके. चावल एक्सपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार की वर्तमान नीतियों से किसानों का नुकसान हो रहा है. उन्हें बाजार में कम दाम मिल रहा है. अगर केंद्र सरकार चावल का निर्यात बंद न करती तो किसानों को अपना धान बेचने के लिए मंडियों में धक्के नहीं खाने पड़ते. किसानों और आढ़तियों से बातचीत करने के बाद गर्ग ने कहा कि धान की समय पर खरीद न होने और खरीदे गए धान का समय पर मंडियों से उठान न होने के कारण किसान परेशान हैं. धान खुले में बारिश के कारण भीग रहा है. उसे ढंकने तक की व्यवस्था नहीं है.
गर्ग हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन भी हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों, आढ़तियों व मजदूरों की विरोधी सरकार है. सरकार किसानों व आढ़तियों के साथ पोर्टल-पोर्टल खेलना बंद करे. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पूरी तरह से फेल है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पोर्टल पर ब्यौरा भरवाने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं. सरकार को किसानों की हर फसल ऑनलाइन की बजाएं ऑफलाइन आढ़तियों के माध्यम से खरीदनी चाहिए.
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गर्ग ने कहा कि राइस मिलर किसानों का धान की खरीदता है. उनकी खरीद का कोटा सरकार को तुरंत प्रभाव से बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से इस समय किसानों को मजबूरी में अपना पीआर धान समर्थन मूल्य से 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
उधर, बासमती चावल के एक्सपोर्टरों ने किसानों से धान खरीदना बंद कर दिया है. क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा इसके एक्सपोर्ट पर लगाई गई 1200 डॉलर प्रति टन की शर्त की वजह से एक्सपोर्ट कम हो गया है. उनके पास पुराना स्टॉक पड़ा हुआ है. ऐसे में एक्सपोर्टरों का कहना है कि वो कैसे नया धान खरीदें. कहां से पैसा लाएं और कहां रखें. खरीद न होने की वजह से बासमती धान का दाम औंधे मुंह गिर गया है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है.
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म ई-नाम के अनुसार पंजाब में 2,550 रुपये से लेकर 3700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर पूसा बासमती-1509 की बिक्री हो रही है. जबकि हरियाणा की मंडियों में 2000 रुपये से लेकर 3800 रुपये क्विंटल तक का दाम चल रहा है. एक्सपोर्टरों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार दाम 800 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गया है. क्योंकि खरीद आज तीन दिन से बंद है.
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