एशिया के सबसे बड़े होलसेल मार्केट आजादपुर मंडी में फल से लेकर सब्जियों तक की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. कहा जा रहा है कि बारिश से बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते मंडी में फल और सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हुई है. ऐसे में रिटेल मार्केट में खाने-पीने की चीजें भी महंगी हो गई हैं. महंगाई का आलम यह है कि अब खुदरा मार्केट में प्याज और टमाटर की कीमतें 70 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं. जबकि शिमला मिर्च, पालक और लौकी जैसी हरी सब्जियां का रेट 100 रुपये प्रति किलो है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आजादपुर मंडी के व्यापारी मनोज कुमार ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में बाजार में सब्जियों की आपूर्ति कम हो गई है, जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है. महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख कृषि राज्यों में भारी बारिश के बाद कीमतों में उछाल आया है. ऐसे सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 25 सितंबर को प्याज की मॉडल कीमत 53.46 रुपये प्रति किलो हो गई थी, जो पिछले महीने के 46 रुपये से 16.55 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. इसी तरह, टमाटर की कीमत में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो इसी अवधि के दौरान 46 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो हो गई है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉनसून के दौरान सब्जियों की कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि बारिश के कारण कटाई की प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिसमें तुड़ाई और पैकेजिंग शामिल है. साथ ही परिवहन बाधित होने के कारण फसल खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल, प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में गर्मी की वजह से भी फसल को नुकसान हुआ है. हालांकि, खुदरा और थोक दोनों बाजारों में टमाटर की कीमतों को बढ़ने से सरकार नियंत्रित कर सकती है. इसके लिए सरकार मोबाइल वैन के माध्यम से टमाटर बेचकर कीमतो में हस्तक्षेप कर सकती है. पिछले साल भी सरकार ने सरकारी दुकानों पर कम कीमत पर टमाटर बेचा था.
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और यदि आवश्यक हुआ तो विभाग हस्तक्षेप करेगा. खरे ने कहा कि कीमतों में जल्द ही स्थिरता आने की उम्मीद है, क्योंकि प्याज और टमाटर की आपूर्ति में कोई महत्वपूर्ण समस्या नहीं है. हालांकि, किसानों और व्यापारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में खरीफ टमाटर की बुवाई पिछले साल के स्तर से पीछे है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र में कीट और रोग संक्रमण आर्थिक सीमा के स्तर को पार कर गए हैं, जिससे आपूर्ति में और कमी आई है.
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प्याज के बारे में खरे ने बताया कि सरकार इस सप्ताह पूरे देश में कम कीमतों पर प्याज की आपूर्ति शुरू करेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर नासिक जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कीमतें बढ़ती रहीं, तो सरकार बाजार को स्थिर करने के लिए अपने स्टॉक से और अधिक प्याज जारी करेगी. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 5 सितंबर को अपने 470,000 टन के बफर स्टॉक से प्याज जारी करना शुरू कर दिया था, जब कीमतें पहली बार बढ़नी शुरू हुई थीं. हालांकि, निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने के बाद, कीमतें फिर से बढ़ने लगीं.