Paddy Procurement: यूपी सरकार 16 हजार करोड़ रुपये की धान खरीद करेगी, किसानों को MSP मिलेगी  

Paddy Procurement: यूपी सरकार 16 हजार करोड़ रुपये की धान खरीद करेगी, किसानों को MSP मिलेगी  

पश्चिमी यूपी से जहां इसकी शुरुआत होगी तो धीरे-धीरे यह पूर्वी यूपी को भी कवर करेगी. साल 2023-24 के खरीफ सत्र के दौरान राज्य 5.2 मिलियन टन धान खरीद सकता है. यह खरीद लक्ष्‍य 7 मिलियन टन का करीब 75 फीसदी है. कहा जा रहा है कि हाल के कुछ सालों में धान की खुले बाजार की कीमत ज्‍यादा रही है. इस वजह से राज्य के किसानों के पास अपनी उपज की आपूर्ति के लिए विकल्‍प भी ज्यादा हैं.

आईसीएआर की तरफ से विकसित की गई धान की खास किस्‍म आईसीएआर की तरफ से विकसित की गई धान की खास किस्‍म
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 18, 2024,
  • Updated Sep 18, 2024, 11:15 AM IST

उत्‍तर प्रदेश (यूपी) सरकार 2024-25 खरीफ खरीद सीजन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सिस्‍टम के तहत 16,000 करोड़ रुपये कीमत के सात मिलियन टन (एमटी) धान की खरीद का लक्ष्य बना रही है. चालू सीजन के लिए सामान्य और ग्रेड-ए धान का एमएसपी क्रमश: 2,300 रुपये और 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. यह पिछले साल के 2,183 रुपये और 2,203 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा है. बताया जा रहा है कि यूपी सरकार की तरफ से यह खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर 28 फरवरी, 2025 तक जारी रहेगी. 

सरकार ने तय किया लक्ष्‍य 

अखबार बिजनेस स्‍टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी यूपी से जहां इसकी शुरुआत होगी तो धीरे-धीरे यह पूर्वी यूपी को भी कवर करेगी. साल 2023-24 के खरीफ सत्र के दौरान राज्य 5.2 मिलियन टन धान खरीद सकता है. यह खरीद लक्ष्‍य 7 मिलियन टन का करीब 75 फीसदी है. कहा जा रहा है कि हाल के कुछ सालों में धान की खुले बाजार की कीमत ज्‍यादा रही है. इस वजह से राज्य के किसानों के पास अपनी उपज की आपूर्ति के लिए विकल्‍प भी ज्यादा हैं. इस साल सरकार खरीद केंद्रों पर किसानों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करके खरीद लक्ष्य को पूरा करने की योजना बनाकर चल रही है. 

ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन अनिवार्य 

राज्य में धान की खेती करने वाले किसानों को खरीद केंद्रों पर नकदी फसल की आपूर्ति करने के लिए ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराना अनिवार्य है. खरीद प्रक्रिया के दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार छोटे किसानों को प्राथमिकता दे रही है. ऐसे किसान जिनकी फसल 60 क्विंटल से कम है, वो सरकार की प्राथमिकता हैं. सरकार नहीं चाहती है कि इन किसानों को मजबूरी में अपनी फसल बेचने की नौबत पड़े या फिर उन्हें निर्धारित खरीद केंद्रों पर किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े.

सरकार किसानों को खुश रखने और एक मजबूत राजनीतिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए खरीद के एवज में तुरंत भुगतान की सुविधा भी दे रही है. धान, गेहूं और गन्‍ने की संस्थागत खरीद से उत्‍तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र को बहुत जरूरी छूट मिलती है. इससे हर साल 50,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की अर्थव्‍यवस्‍था का निर्माण होता है. 

पिछले साल क्‍या था हाल 

पिछले साल राज्य में करीब 4000 धान खरीद केंद्र स्थापित किए गए थे. इनमें से 200 केंद्रों को  भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की तरफ से संचालित किया गया था. जबकि अधिकांश खरीद राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई थी. वहीं खरीद में पारदर्शिता बरकरार रहे इसके लिए धान खरीद केंद्रों, चावल मिलों और एफसीआई गोदामों/डिपो को रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर की तरफ से जियो-टैग किया गया था.  राज्य लाभकारी एमएसपी की पेशकश करके अनाज के अलावा बाकी फसलों जैसे दालें, तिलहन और पोषक अनाज या श्रीअन्‍न की खेती को भी बढ़ावा दे रहा है. 

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!