यूपी-बिहार के मजदूरों की कमी के चलते हरियाणा में नहीं हो रहा गेहूं का उठान, मंडियों में पड़ी है लाखों बोरी उपज

यूपी-बिहार के मजदूरों की कमी के चलते हरियाणा में नहीं हो रहा गेहूं का उठान, मंडियों में पड़ी है लाखों बोरी उपज

लिफ्टिंग ठेकेदार सुनील गुलिया ने कहा कि पानीपत जिले की लगभग सभी अनाज मंडियों को साफ कर दिया गया है, लेकिन मडलौडा और समालखा अनाज मंडियों में कुछ समस्याएं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि उठान में देरी का मुख्य कारण श्रमिकों की कमी है. ज्यादातर मजदूर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण करीब 40 फीसदी मजदूरों की कमी है.

हरियाणा में गेहूं उठान में हो रही देरी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 05, 2024,
  • Updated May 05, 2024, 5:15 PM IST

लोकसभा चुनाव के कारण हरियाणा की मंडियों में मजदूरों की कमी हो गई है. इससे अनाज मंडियों से खरीदे गए गेहूं के उठान पर असर पड़ा है. लगभग 98 फीसदी फसल अनाज मंडियों में पहुंच चुकी है और लाखों बोरियां वहीं पड़ी हुई हैं. बात अगर हरियाणा के पानीपत जिले की करें तो यहां पर लगभग सभी अनाज मंडियां खाली हो चुकी हैं. लेकिन मडलौडा और समालखा अनाज मंडियों में कुछ दिक्कतें आ रही थीं. लिफ्टिंग ठेकेदार सुनील गुलिया ने कहा कि इन मंडियों में ज्यादातर मजदूर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं. लेकिन चुनाव के कारण मजदूरों की करीब 40 फीसदी कमी है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, 90.38 प्रतिशत के साथ करनाल लिफ्टिंग में टॉप पर है. इसके बाद गुरुवार शाम तक 82.04 प्रतिशत उठान के साथ पानीपत और 81.73 प्रतिशत उठान के साथ यमुनानगर है. सोनीपत के बाद खरीदी गई गेहूं की फसल का केवल 46.42 प्रतिशत उठाव के साथ महेंद्रगढ़ सूची में सबसे नीचे है, जहां 2 मई तक केवल 63.79 प्रतिशत गेहूं की उपज उठाई गई है. रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में एजेंसियों द्वारा खरीदे गए गेहूं का कुल 70 प्रतिशत उठा लिया गया है और खरीदा गया 30 प्रतिशत गेहूं अभी भी अनाज मंडियों में पड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें- पूसा- 44 किस्म की बिक्री को रोकने के लिए सरकार का फरमान, अब अधिकारी दुकानों में करेंगे छापेमारी

मंडी में पड़े हैं 15 लाख बैग

उठान में देरी के कारण सोनीपत जिले की गोहाना अनाज मंडी में 15 लाख बैग, मडलौडा अनाज मंडी में 4.5 लाख बैग और पानीपत जिले की समालखा अनाज मंडी में लगभग 3 लाख बैग पड़े हैं. आंकड़ों के अनुसार, खरीदे गए गेहूं का 90.38 प्रतिशत उठान के साथ करनाल जिला राज्य में शीर्ष पर है, इसके बाद 82.04 प्रतिशत गेहूं के उठान के साथ पानीपत दूसरे और 81.73 प्रतिशत गेहूं के उठान के साथ यमुनानगर तीसरे स्थान पर है. गुरुवार शाम तक खरीदे गए गेहूं का प्रतिशत उठा लिया जा चुका है.

महेंद्रगढ़ सूची में सबसे नीचे है

सोनीपत के बाद खरीदी गई गेहूं की फसल का केवल 46.42 प्रतिशत उठाव के साथ महेंद्रगढ़ सूची में सबसे नीचे है, जहां 2 मई तक केवल 63.79 प्रतिशत गेहूं की उपज उठाई गई है. गोहाना अनाज मंडी के अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि उठान इतना धीमा है कि 15 लाख बैग अभी भी अनाज मंडी में पड़े हैं, जबकि अब तक 95 प्रतिशत फसल की खरीद हो चुकी है. आंकड़ों के मुताबिक गोहाना अनाज मंडी में अब तक कुल 1,42,954 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जिसमें से 84,596 मीट्रिक टन खरीदे गए गेहूं का उठान अभी तक नहीं हो पाया है.

ये भी पढ़ें-  पकने से पहले ही पेड़ों से झड़ने लगी मुजफ्फरपुर की शाही लीची, इस वजह से फसल को हो रहा नुकसान

बाजार में लगभग 4 लाख बैग पड़े हैं

पानीपत जिले के मडलौडा अनाज बाजार में, कुल खरीदा गया गेहूं नौल्था में अदानी के साइलो में जा रहा है, लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण, एक वाहन को उतारने में 7-8 घंटे लगते हैं. गुलिया ने कहा कि अनाज बाजार में लगभग 4.5 लाख बैग पड़े हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, समालखा अनाज मंडी में तीन लाख बैग पड़े हैं क्योंकि बैग मुरथल गोदाम में जा रहे थे और श्रमिकों की कमी के कारण प्रक्रिया में समय लग रहा था. 

 

MORE NEWS

Read more!