UP News: नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय 'श्री अन्न महोत्सव' राष्ट्रीय कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संबोधित करते हुए कहा कि श्री अन्न की आवश्यकता को देखते हुए श्री अन्न (मोटे अनाज) पर तेज़ी से कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में कृषि फ़ार्म पर और कृषि विज्ञान केन्द्रों पर योजना बनाकर मिलेट्स पर काम किये जा रहे हैं. प्रदेश मे 186 करोड़ रुपये ख़र्च कर कर श्री अन्न के विविध आयामों पर काम किए जा रहे हैं. शाही ने कहा कि इस वर्ष खरीफ में 50000 किसानों को श्री अन्न के निःशुल्क मिनीकिट वितरित किए हैं ,10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में श्री अन्न की खेती की गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री अन्न की खरीदारी के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों मे 500 से अधिक क्रय केंद्र स्थापित कर बाजरा 2500 रूपये क्विंटल, ज्वार 3180 रूपये क्विंटल, श्री अन्न रागी 3846 रूपये क्विंटल की दर से इसकी ख़रीदारी भी करा रही है. अब तक श्री अन्न की 50 हजार क्विंटल से अधिक की खरीददारी हो गई है, 15 हजार से अधिक किसानों को 130 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान उनके बैंक खातों मे हो चुका. कृषि मंत्री ने कहा कि पहले सावाँ, कोदो, कुटकी, कंगनी, मडुआ हमारी खेतों पर दिख जाया करती थी परंतु आज के परिदृश्य में इसकी जगह चावल गेहूं गन्ना ने ले ली है.
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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार श्री अन्न की खेती पर फोकस करके इस कार्यक्रम श्री अन्न के बीज उत्पादन से लेकर इसके विपरण तक की व्यवस्था की है, बीज विधायन संयंत्र, सीड मनी की उपलब्धता करा दिया गया है, श्री अन्न बनने वाले व्यंजन पर भी किसान उत्पादक संगठन तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विश्व विद्यालय को प्रोत्साहित कर अनुदान की धनराशि उपलब्ध करा कर योजना बद्ध तरीके से काम कर रही है. इससे पहले उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद् के 34वां स्थापना दिवस पर लखनऊ में श्री अन्न महोत्सव का आयोजन किया गया था.
ये खुशी की बात है कि आज हर परिवार में श्री अन्न का किसी ना किसी रूप में प्रयोग होना शुरू हो गया है. अब इस दिशा में व्यापक रूप से प्रयास प्रारंभ हुआ है. आज मिलेट्स से नये-नये उत्पाद बनाना शुरू हो गये हैं. ये पौष्टिक होने के साथ ही खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत विश्व में मिलेट्स एक्सपोर्ट्स के लिहाज से दूसरे पायदान पर है तथा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है कि भारत को आगामी वर्षों में ‘नंबर वन मिलेट्स एक्सपोर्टर कंट्री’ के रूप में जाना जाए. ऐसे में, देश के फूड बास्केट के तौर पर विख्यात प्रदेश भी एक बड़ी और सकरात्मक भूमिका का निर्वहन कर सकता है. इसी बात को ध्यान में रखकर सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर को मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम को आच्छादित करने की विस्तृत कार्य योजना को हरी झंडी दे दी गई है.