यूपी के 30 जिलों में बासमती चावल में इस्तेमाल होने वाले 10 कीटनाशकों पर लगा प्रतिबंध, अधिसूचना जारी

यूपी के 30 जिलों में बासमती चावल में इस्तेमाल होने वाले 10 कीटनाशकों पर लगा प्रतिबंध, अधिसूचना जारी

कृषि निदेशक ने निर्देश देते हुए कहा कि बासमती चावल यूपी की भौगोलिक संकेत (Geographical Indication-GI) फसल है. बासमती चावल में लगने वाले कीटों एवं रोगों की रोकथाम के लिए किसानों द्वारा कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग किया जाता है.

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी (Photo-Kisan Tak)बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Sep 14, 2024,
  • Updated Sep 14, 2024, 6:26 PM IST

Basmati Rice: उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने बासमती चावल में कीटनाशकों के प्रयोग पर एक बड़ा फैसला लिया है. कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर ने कहा है कि बासमती चावल में 10 कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होगा. क्योंकि इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. खास बात यह है कि इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वहीं, कृषि निदेशक ने पत्र जारी कर कहा है कि कीटनाशी अवशेषमुक्त उत्पादन एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे यूपी में उत्पादिl बासमती चावल की मांग बढ़ेगी. 

जानिए क्यों लिया गया फैसला?

कृषि निदेशक ने निर्देश देते हुए कहा कि बासमती चावल यूपी की भौगोलिक संकेत (Geographical Indication-GI) फसल है. बासमती चावल में लगने वाले कीटों एवं रोगों की रोकथाम के लिए किसानों द्वारा कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग किया जाता है. इन रसायनों के अवशेष बासमती चावल में पाये जा रहे हैं, जिसके क्रम में एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी) द्वारा बताया गया है कि यूरोपियन यूनियन द्वारा बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल का अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर (MRL) 0.01 ppm निर्धारित किया गया है. बासमती चावल में फफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल निर्धारित MRL से अधिक पाये जाने के कारण इसके यूरोप, अमेरिका एवं खाड़ी देशों के निर्यात में वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में 15 प्रतिशत की कमी आयी है.

बासमती चावल के निर्यात में होगी वृद्धि

इस कड़ी में इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित किये जाने के दिन से 60 दिनों की अवधि के लिए उप्र के 30 जिलों में आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदांय, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर एवं सम्भल में बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफास, हेक्साकोनोजोल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, इमिडाक्लोप्रिड एवं कार्बेन्डाजिम कीटनाशकों के सभी प्रकार के फार्मूलेशन की बिक्री, वितरण और प्रयोग को प्रतिबंध करती है, ताकि गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि की जा सके.

अधिसूचना का हो कड़ाई से अनुपालन

उन्होंने निर्देशित किया कि उप्र शासन द्वारा उपरोक्त जारी अधिसूचना का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें. इसके साथ ही अधिसूचना में वर्णित प्रतिबंधित कीटनाशकों के वैकल्पिक रसायन का किसानों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें. कृषि निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार तोमर ने कहा कि इस कदम से बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी.

 

 

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