बेमौसम बारिश और खराब मौसम से 14 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में फसलों पर बुरा असर, राज्यवार आंकड़े जारी

बेमौसम बारिश और खराब मौसम से 14 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में फसलों पर बुरा असर, राज्यवार आंकड़े जारी

कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्य सभा में बताया कि‍ वर्ष 2024-25 में बेमौसम बारिश और खराब मौसम के कारण देशभर में कुल 14.24 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावि‍त हुई. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरक बनाती है और अपेक्षित रसद और वित्तीय सहायता देती है.

बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद. (सांकेतिक फोटो)बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 08, 2025,
  • Updated Feb 08, 2025, 4:12 PM IST

केंद्र सरकार की ओर से कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में देशभर में बेमौसम बारिश और खराब मौसम के कारण खेती को हुए नुकसान की जानकारी दी. उन्‍हाेंने राज्‍यों की ओर से जारी किए गए डेटा के माध्‍यम से फसल प्रभावित होने की जानकारी पेश करते हुए बताया कि 2024-25 के दौरान देशभर में कुल 14.24 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावि‍त हुई. रामनाथ ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति (एनपीडीएम) के अनुसार जमीनी स्तर पर राहत सहायता देने सहित आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है. राज्य सरकारें प्राकृतिक आपदाओं में भारत सरकार की स्वीकृत वस्तुओं और मानदंडों के अनुसार, उनके पास पहले से मौजूद राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से राहत के उपाय करती हैं. 

मंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता राहत के रूप में है न कि मुआवजे के लिए. किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल के नुकसान के बारे में डेटा केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है. राज्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2024-25 के दौरान जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण फसल के प्रभावित क्षेत्र की जानकारी इस प्रकार है.

क्रमांकराज्‍य/केंद्र शासि‍त प्रदेशप्रभावित फसली क्षेत्र (लाख हैक्टेयर में)
1असम  1.38
2कर्नाटक2.86
3मणिपुर  0.01
4मेघालय0.01
5मिजोरम0.21
6नगालैंड0.03
7ओडिशा  0.22
8तमिलनाडु4.00
9उत्‍तर प्रदेश3.95
10उत्‍तराखंड0.05
11पश्चिम बंगाल1.38
12जम्मू और कश्मीर0.02
13पुडुचेरी0.01
14कुल14.24

नोट: उक्‍त आंकड़े वर्ष 2024-25 के दौरान 27.01.2025 तक अनंतिम हैं.

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरक बनाती है और अपेक्षित रसद और वित्तीय सहायता देती है. 'गंभीर प्रकृति' की आपदा के मामले में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त वित्तीय मदद की जाती है, जिसमें अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) के दौरे के आधार पर मूल्यांकन के बाद फैसला लिया जाता है. 

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