Tomato Farming: टमाटर की खेती कर देगी मालामाल! इन बातों का रखें ध्‍यान

Tomato Farming: टमाटर की खेती कर देगी मालामाल! इन बातों का रखें ध्‍यान

भारत दुनिया के प्रमुख टमाटर उत्‍पादक देशाें में से एक है. वहीं, देश में भी बड़े पैमाने पर टमाटर की मांग बनी रहती है. देश में बड़े पैमाने पर किसान टमाटर की खेती करते है. ऐसे में अगर आप भी टमाटर की खेती कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं तो इन बातों का ध्‍यान जरूर रखें.

टमाटर की खेतीटमाटर की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 07, 2024,
  • Updated Sep 07, 2024, 9:50 PM IST

टमाटर भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में सबसे ज्‍यादा खाई जाने वाली सब्‍जी है. टमाटर का उपयोग सब्‍जी, चटनी, सॉस और फास्‍टफूट में बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिससे इसकी खपत का अंदाजा लगाया जा सकता है. विश्‍वभर में कई देशों में इसकी खेती की जाती है. ऐसे ही भारत में भी बड़े स्‍तर पर टमाटर की देशी और संकर (हाइब्रिड) किस्‍मों की फसल की खेती की जाती है. भारत, चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्‍पादक देश है. मालूम हो हाल ही में टमाटर के भाव 200 रुपये से ज्‍यादा बढ़ने पर कई किसानों को तगड़ा मुनाफा हुआ था. कुछ किसान तो एक फसल में ही करोड़पति तक बन गए थे. ऐसे में जान‍िए टमाटर की खेती से जुड़ी बाते...

सही किस्‍म का चयन जरूरी

टमाटर एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती कई प्रकार की मिट्टि‍यों में की जा सकती है. इसके लिए रेतीली दोमट, चिकनी मिट्टी, लाल और काली मिट्टी उपयुक्‍त है. मिट्टी के अनुरूप टमाटर की किस्‍म का चयन करें, नहीं तो इसका असर पैदावार पर पड़ सकता है. इसके साथ ही टमाटर की खेती में सही तरीके से जल निकासी की व्‍यवस्‍था करना बेहद जरूरी है. उत्‍तर भारत में वर्ष में दो बार टमाटर की खेती होती है. पहली खेती मॉनसून सीजन यानी जुलाई से अगस्त के बीच की जाती है जो फरवरी से मार्च तक जारी रहती है. वहीं, दूसरी खेती नवंबर से दिसंबर से शुरू होकर जून और जुलाई तक जारी रहती है. 

टमाटर की देशी और हाइब्रिड किस्‍में

पूसा रूबी, पूसा - 120, पूसा शीतल, पूसा गौरव, अर्का सौरभ, अर्का विकास, सोनाली आद‍ि टमाटर की देशी किस्में हैं. वहीं, पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड -2, पूसा हाइब्रिड -4, अविनाश-2, रश्मि तथा निजी क्षेत्र से शक्तिमान, रेड गोल्ड, 501, 2535 उत्सव, अविनाश, चमत्कार, यू.एस. 440 आदि टमाटर की संकर (हाइब्रिड) किस्में हैं.

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ज्‍यादा तापमान का पड़ता है बुरा असर

टमाटर की फसल पाला सहन नहीं कर पाती है. वहीं इसकी खेती के लिए 18 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है, जबकि‍  21 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान में टमाटर सही तरह लाल रंग का विकास होता है. यही वजह है कि सर्दियों मे टमाटर मीठे और गहरे लाल रंग के होते हैं. वहीं तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से ज्‍यादा होने पर अपरिपक्व टमाटर और इसके फूल गिर जाते हैं.

एक हेक्‍टेयर में मिलेगी बंपर पैदावार

आमतौर पर टमाटर की औसत पैदावार प्रति हेक्‍टेयर 400-500 क्विंटल होती है, जबकि‍ संकर टमाटर की पैदावार 700 -800 क्विंटल प्रति हेक्‍टेयर तक हो सकती है. वहीं, टमाटर की उन्‍नत किस्‍म लगाने पर और सभी अनुकूल स्थिति‍यों की खेती की जाए तो प्रति हेक्‍टेयर 800-1200 क्विंटल पैदावार हासिल की जा सकती है. ऐसे में अगर पैदावार के समय टमाटर का बाजार भाव भी सही रहें तो किसानों का बढ़‍िया मुनाफा हो सकता है. एक हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती से 10 से 15 लाख रुपये तक की कमाई संभव है बशर्ते फसल खराब न हो और दाम सही मिल जाए. वहीं, अगर उपज के समय टमाटर के भाव आसमान छूते हैं तो इससे भी ज्‍यादा मुनाफा मिल सकता है.

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