Sunflower Farming: हरियाणा में सूरजमुखी की कटाई तेजी से जारी, सरकारी खरीद के इंतजार में किसान 

Sunflower Farming: हरियाणा में सूरजमुखी की कटाई तेजी से जारी, सरकारी खरीद के इंतजार में किसान 

Haryana Agriculture News: हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद में तेजी आई है, मगर किसान इस इंतजार में हैं कि सरकार एमएसपी पर इसकी खरीद करे. मंडियों में अभी से किसान अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है क्योंकि सूरजमुखी की खरीद 1 जून से शुरू होने वाली है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • May 28, 2025,
  • Updated May 28, 2025, 12:21 PM IST

Haryana Agriculture News: हरियाणा में सूरजमुखी की फसल की कटाई में तेजी आ गई है. इसके बाद भी किसान काफी चिंतित हैं.  किसानों को अभी भी एमएसपी पर सरकारी खरीद का इंतजार है. कई किसान सिर्फ अपनी उपज साफ करवाने के लिए अनाज मंडियों में पहुंचते हैं. फिर बाद में वापस लौट जाते हैं. रबी खरीद सीजन 2025-26 के लिए सूरजमुखी के बीज की खरीद 1 जून से शुरू होगी. सीजन के लिए एमएसपी 7,280 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. 

निजी डीलर्स से बचते किसान  

किसानों का कहना है कि उपज बिकने के लिए तैयार है लेकिन सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है. ऐसे में उनके पास खरीद शुरू होने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. अंबाला कैंट अनाज मंडी पहुंचे लांडा गांव के सरप्रीत सिंह के हवाले से अखबार द ट्रिब्‍यून ने लिखा, 'मेरी उपज बिकने के लिए तैयार है लेकिन खरीद अभी शुरू नहीं हुई है. फसल अच्छी दिख रही थी लेकिन औसत उपज करीब 6 से 7 क्विंटल प्रति एकड़ है. जबकि मुझे उम्मीद थी कि यह इससे ज्‍यादा होगी. मैं खरीद का इंतजार करूंगा क्योंकि सस्ती दरों पर निजी डीलर्स को अपनी उपज बेचकर मैं नुकसान नहीं उठाना चाहता हूं.' 

मंडी से लौटने को मजबूर 

वहीं तिलहन किसान दिलजीत सिंह ने कहा, 'गांव में किसानों के पास बीज सुखाने और साफ करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. गांव में मजदूरों की कमी एक और चुनौती है. इस वजह से हमें उपज साफ करवाने के लिए अनाज मंडी जाना पड़ता है. हम इसे वापस ले जाएंगे ट्रेलरों में लोड करेंगे और खरीद शुरू होने पर फिर आएंगे.' उनका कहना था कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है और इससे ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ जाता है. 

"एक और गांव छोरपुर के किसान बलजीत सिंह की मानें तो अनिश्चित मौसम की स्थिति चिंता का सबसे बड़ा कारण है. उनका कहना था कि सूरजमुखी एक संवेदनशील फसल है और तेज हवा और बारिश की स्थिति में आपको बीज इकट्ठा करने का समय नहीं मिलता. फसल का एक हिस्सा कुछ ही मिनटों में बह जाएगा और इससे उपज की क्‍वालिटी भी खराब हो जाएगी. 

क्‍या कहते हैं कृषि अधिकारी 

वहीं कृषि उपनिदेशक डॉ. जसविंदर सैनी ने कहा, 'कटाई अच्छी गति से चल रही है. इस साल फसल अच्छी दिख रही है, खासकर नारायणगढ़, शहजादपुर और अंबाला शहर के इलाकों में, औसत उपज करीब 10 क्विंटल प्रति एकड़ है. फसल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.' वहीं नई अनाज मंडी अंबाला कैंट के सचिव नीरज भारद्वाज ने कहा, 'किसान अपनी उपज सुखाने और साफ करने के लिए अनाज मंडियों में पहुंच रहे हैं. हैफेड 1 जून से खरीद शुरू करेगा.'

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