स‍ितंबर में आलू की इन अगेती किस्‍मों की करें बुआई, केवल 70 दिनों में होगी बंपर पैदावार

स‍ितंबर में आलू की इन अगेती किस्‍मों की करें बुआई, केवल 70 दिनों में होगी बंपर पैदावार

सि‍तंबर महीने में आलू की अगेती किस्‍म की बुआई की जाती है. ऐसे में इन तीन किस्‍मों की खेती से आपको बंपर पैदावार हासिल हो सकती है. ये अगेती किस्‍में जल्‍दी पककर तैयार हो जाती हैं. जानिए इन किस्‍मों की खासियत के बारे में और किन इलाकों में इन्‍हें उगाया जा सकता है.

Potato FarmingPotato Farming
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 07, 2024,
  • Updated Sep 07, 2024, 2:14 PM IST

आलू भारत ही नहीं, बल्कि विश्‍व में सबसे ज्‍यादा खाई जाने वाली सब्जियों में से एक है. इसकी डिमांड और सप्‍लाई सालभर बनी रहती है. बड़ी संख्‍या में किसान भी आलू  की खेती करना पसंद करते हैं. वहीं, सितंबर में आलू की अगेती किस्‍मों की खेती की जाती है. इनकी बुआई 15 सितंबर से 25 सितंबर के बीच की जानी चाहिए. आलू की खेती से ज्यादा से ज्यादा लाभ हासि‍ल करने के लिए इसकी सही वैरायटी का चयन करना बेहद जरूरी है. ऐसे में जानि‍ए आलू की ऐसी अगेती किस्‍मों के बारे में जो अच्‍छा मुनाफा दे सकती हैं.

कुफरी अशोक 

कुफरी अशोक या पी जे- 376 आलू की एक अगेती वैरायटी है, जो किसानों के बीच काफी लोकप्र‍िय है. आलू की यह अगेती किस्म गंगा तटीय इलाकों में खेती के लिए उपयुक्‍त है. यह आलू की एक सफेद किस्‍म है. इस आलू के कंद सफेद होते हैं. इसके पौधे की ऊंचाई 60 से 80 सेंटीमीटर होती है. यह किस्‍म काफी कम समय (70 से 80 दिन) में पककर तैयारी हो जाती है. वहीं इसके उत्‍पादन क्षमता की बात करें तो एनएचआरडीएफ के अनुसार, यह प्रति हेक्‍टेयर 40 टन की पैदावार देने में सक्षम है. वहीं, इसकी औसतन उपज 280 से 300 क्विंटल प्रति हेक्‍टेयर तक होती है. यूपी बिहार, बंगाल, पंजाब और हरि‍याणा में इसकी खेती की जाती है. 

ये भी पढ़ें - दशहरा-दिवाली से पहले और सस्ता होगा आलू, चावल! इस वजह से कीमत में 8 फीसदी की गिरावट

कुफरी सूर्या 

कुफरी सूर्या आलू की किस्‍म अध‍िक तापमान सहने में सक्षम है. इस आलू का उपयोग फ्रेंच फ्राइज और चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह आलू अन्य किस्मों की तुलना में आकार में ज्यादा बड़ा होता है. बता दें कि च‍िप्‍स और स्‍नैक्‍स की खपत तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में इसकी खेती फायदेमंद साब‍ित हो सकती है. कुफरी सूर्या आलू के कंद सफेद होते हैं, जो सिंधु-गंगा क्षेत्र के लिए उपयुक्‍त है. इसकी फसल को तैयारी होने में 75 से 80 दिनों का समय लगता है. वहीं, इससे 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार हास‍िल की जा सकती है.

कुफरी पुखराज

कुफरी पुखराज देश में सबसे ज्‍यादा उगाया जाने वाला आलू है. देश में आलू के उत्‍पादन में लगभग 33 प्रतिशत योगदान कुफरी पुखराज का होता है. यह भी एक सफेद किस्‍म है, जि‍सकी फसल 70 से 90 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है. यह किस्‍म कम तापमान वाले इलाकों के लिए भी उपयुक्‍त है. इस वैरायटी की खेती मुख्‍य रूप से यूपी, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में की जाती है. आलू की यह किस्‍म प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल पैदावार देने में सक्षम है.

ये भी पढ़ें -

MORE NEWS

Read more!