असम में पाम ऑयल नकदी फसल घोषित, कैबिनेट ने दो नए मिल्‍क प्रोसेसिंग प्‍लांट्स को मंजूरी दी

असम में पाम ऑयल नकदी फसल घोषित, कैबिनेट ने दो नए मिल्‍क प्रोसेसिंग प्‍लांट्स को मंजूरी दी

असम कैब‍िनेट ने शुक्रवार को किसानों के हित में कई फैसले ल‍िए. इसमें से एक यह कि अब पाम ऑयल नकदी फसल होगी. वहीं, राज्‍य में दो नए मिल्क प्रोसेसिंग प्‍लांट खुलेंगे. जोरहाट और डिब्रूगढ़ में दो नए मिल्‍क प्रोसेसिंग प्‍लांट्स को भी मंजूरी दी गई है और धेमाजी और कछार में ऐसी दो और इकाइयों की योजना बनाई जा रही है. 

असम में पाम ऑयल नकदी फसल घोषि‍त (सांकेतिक तस्वीर)असम में पाम ऑयल नकदी फसल घोषि‍त (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 11, 2025,
  • Updated Jan 11, 2025, 5:51 PM IST

असम सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए शुक्रवार को पाम ऑयल को नकदी फसल घोषित कर दिया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम कैबिनेट ने पाम ऑयल को नकदी फसल के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले को मंजूरी दे दी है. सहकारी समितियों के माध्यम से अपनी उपज बेचने वाले डेयरी किसानों के लिए 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी को भी मंजूरी दी गई है. जोरहाट और डिब्रूगढ़ में दो नए मिल्‍क प्रोसेसिंग प्‍लांट्स को भी मंजूरी दी गई है और धेमाजी और कछार में ऐसी दो और इकाइयों की योजना बनाई जा रही है. 

चाय पर्यटन को बढ़ावा

चाय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने डिब्रूगढ़ के लेपेटकाटा चाय बागान और सोनितपुर के दुरंग चाय बागान में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी.  कैबिनेट ने छोटे सब्जी और पान विक्रेताओं को पट्टाधारकों को किसी भी तरह का शुल्क देने से छूट देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और शहरी बाढ़ जैसे शहरी मुद्दों को संबोधित करने के लिए असम के टाउन एंड कंट्री निदेशालय के पुनर्गठन को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने लकड़ी आधारित उद्योगों के प्रचार और विकास के लिए औद्योगिक एस्टेट की घोषणा के लिए दिशा-निर्देशों को भी मंजूरी दी है.

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एनएलसी इंडिया लिमिटेड और APDCL के बीच करार

वहीं, सरकारी स्वामित्व वाली एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि उसकी अक्षय ऊर्जा शाखा ने असम में 1000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (APDCL) के साथ एक संयुक्त उद्यम समझौता किया है. 

कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि इस समझौते पर एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) और APDCL के बीच हस्ताक्षर किए गए हैं. संयुक्त उद्यम में NIRL की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत होगी, जबकि APDCL की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत होगी. 

समझौते के अनुसार, NIRL अक्षय ऊर्जा परियोजना विकास में अपनी विशेषज्ञता लाएगी और APDCL भूमि अधिग्रहण, विनियामक अनुमोदन और बिजली निकासी बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करेगी.

NIRL के चेयरमैन ने दिया बयान

एनआईआरएल के चेयरमैन प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने कहा कि यह पहल न सिर्फ असम के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि हरित रोजगार सृजित करके और राज्य के स्थिरता सूचकांक को बढ़ाकर सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति देगी. 

संयुक्त उद्यम का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास करके, सस्ती और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करके और राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देकर असम की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करना है.

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