निर्यातबंदी खत्म करने के बाद महाराष्ट्र में प्याज के दाम रिकॉर्ड बना रहे हैं. राज्य की सभी मंडियों में इस समय वह दाम मिलने लगा है, जिसकी किसान मांग कर रहे थे. बस उन्हें डर है कि कहीं सरकार फिर प्याज की निर्यातबंदी न कर दे. फिलहाल महाराष्ट्र में 13 जून को 47 मंडियों में प्याज की नीलामी हुई. जिसमें से 42 में अधिकतम दाम 2500 रुपये क्विंटल से ऊपर रहा. किसी एक मंडी में भी दाम 2000 रुपये से कम नहीं रहा. पांच मंडियों में तो दाम 3500 प्रति क्विंटल से ज्यादा रहा. इसकी वजह से किसान खुश हैं और वो ऐसी उम्मीद कर रहे हैं कि थोक दाम इसी तरह बना रहेगा.
महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार नागपुर की हिंगना मंडी में तो 13 जून को आवक सिर्फ 1 क्विंटल रही, जिससे न्यूनतम दाम भी रिकॉर्ड बना गया. इस एक क्विंटल का न्यूनतम दाम 3500 रुपये प्रति क्विंटल रहा. यहां पर 12 जून को 3 क्विंटल प्याज की आवक हुई थी, जिसकी वजह से न्यूनतम दाम 2500 रुपये, अधिकतम 3500 और औसत 3100 रुपये के स्तर तक पहुंच गया. मंडियों में आवक कम हो गई है, जिसकी वजह से दाम बढ़ रहा है.
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सरकार ने पांच महीने की प्याज निर्यातबंदी के बाद 4 मई को निर्यात खोल दिया, इससे घरेलू बाजार में आवक कम हो गई, जिससे दाम बढ़ गए हैं. दूसरा कारण यह है कि इस साल उत्पादन में कमी का अनुमान है. वर्ष 2023-24 में प्याज का उत्पादन (पहला अग्रिम अनुमान) पिछले वर्ष के लगभग 302.08 लाख टन उत्पादन की तुलना में 254.73 लाख टन ही रहने का अनुमान है. इसका मतलब उत्पांदन में 47 लाख टन से अधिक की गिरावट का अनुमान है. इस वजह से दाम बढ़ रहे हैं.
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