महाराष्ट्र में प्याज के दाम ने रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया. इस रबी सीजन में पहली बार राज्य की किसी मंडी में प्याज का दाम चार हजार रुपये प्रति क्विंटल के पार चला गया है. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि सोलापुर मंडी, जो अपने सबसे कम न्यूनतम दाम की वजह से जानी जाती है वहां 10 जून को रिकॉर्ड 19,542 क्विंटल प्याज की आवक के बावजूद थोक दाम 4100 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया. यहां आमतौर पर न्यूनतम दाम 100 रुपये क्विंटल हुआ करता था, जो बढ़कर 500 और औसत दाम 2500 रुपये तक पहुंच गया है. राज्य की अधिकांश मंडियों में प्याज का अधिकतम दाम 3000 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है, जिससे किसान खुश हैं. बस उन्हें डर है कि कहीं सरकार अब एक्सपोर्ट बैन न करे.
जिन मंडियों में इस समय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा थोक दाम चल रहा है उनमें कोल्हापुर, अकोला, मंचर, जुन्नर, खरड़, बारामती, पुणे, वाई, मंगलवेढा, कल्याण और नागपुर शामिल हैं. कई मंडियों में न्यूनतम दाम भी 2000 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. केंद्र सरकार द्वारा प्याज की निर्यातबन्दी का फैसला वापस लेने के बाद दाम बढ़ रहे हैं और इससे किसानों को राहत मिली है. बाजार के जानकारों नक कहना है इस साल प्याज का उत्पादन कम हुआ है, इसलिए अभी कुछ महीने इसका दाम 2000 से 3000 रुपये क्विंटल तक बना रह सकता है.
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प्याज के दाम को घटाने के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त 2023 से ही कोशिश शुरू कर दी थी. पहले प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई, फिर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया. दाम इस पर भी कम नहीं हुआ तो 7 दिसंबर 2023 को निर्यातबन्दी कर दी. इसकी वजह से किसानों को लाखों का नुकसान है और उन्होंने बीजेपी को लोकसभा चुनाव में नुकसान करने का ऐलान कर दिया. तब जाकर पांच महीने बाद 4 मई को केंद्र ने निर्यातबन्दी खत्म की. इसके बाद से दाम बढ़ने लगा और किसानों को राहत मिल गई.
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