Onion Price: महाराष्ट्र में रबी सीजन के प्याज की आवक शुरू, फिर गिरा दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव

Onion Price: महाराष्ट्र में रबी सीजन के प्याज की आवक शुरू, फिर गिरा दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव

देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक महाराष्ट्र है. यहां पर देश के कुल उत्पादन का लगभग 43 प्रतिशत प्याज पैदा होता है. राज्य में तीन सीजन में प्याज का उत्पादन होता है, जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण रबी सीजन है, क्योंकि इस सीजन के ही प्याज को स्टोर करके रखा जाता है जो दिवाली तक चलता है. खरीफ सीजन का प्याज कम होता है और यह स्टोर करने लायक नहीं होता.

रबी सीजन के प्याज की आवक हुई शुरूरबी सीजन के प्याज की आवक हुई शुरू
सर‍िता शर्मा
  • Nashik,
  • Mar 12, 2024,
  • Updated Mar 12, 2024, 11:37 AM IST

महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के प्याज अब खत्म होने की कगार पर है. मंडियों में इसकी आवक काफी कम हो गई है, जबकि रबी सीजन के प्याज आना शुरू हो गया है. जैसे ही नए प्याज की आवक बढ़ी दाम कम हो गया है और इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. सरकार ने 31 मार्च तक निर्यात बंद किया हुआ है. किसान इस असमंजस में हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान पता नहीं 31 मार्च के बाद प्याज का निर्यात खुलेगा या नहीं. क्योंकि जब सामान्य समय में सरकार ने उपभोक्ताओं के सामने किसानों की परवाह नहीं की तो क्या चुनाव के समय करेगी, जबकि प्याज की महंगाई से सरकार को बहुत डर लगता है. हालांकि अब तक सरकार ने कोई ऐसा संकेत नहीं दिया है कि निर्यात बंदी खत्म होगी या नहीं. 

देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक महाराष्ट्र है. यहां पर देश के कुल उत्पादन का लगभग 43 प्रतिशत प्याज पैदा होता है. राज्य में तीन सीजन में प्याज का उत्पादन होता है, जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण रबी सीजन है, क्योंकि इस सीजन के ही प्याज को स्टोर करके रखा जाता है जो दिवाली तक चलता है. खरीफ सीजन का प्याज कम होता है और यह स्टोर करने लायक नहीं होता. अब रबी सीजन के प्याज निकलना शुरू हो गया है लेकिन निर्यात बंदी की वजह से उसे सही दाम नहीं मिल रहा. 

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किसान संगठन ने क्या मांग की?

कांदा उत्पादक संगठन, महाराष्ट्र के  अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है पहले 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी और फिर निर्यात बंदी की वजह से पूरा खरीफ सीजन बर्बाद हो गया. किसानों को औने-पौने दाम पर प्याज बेचना पड़ा. हर किसान का 3 लाख रुपये से अधिक पैसा एक ही सीजन में मार दिया गया है.   क्योंकि उत्पादन लागत भी नहीं मिली. न तो किसानों को राज्य सरकार की ओर से कोई आर्थिक मदद दी गई.
इसलिए किसानों ने रबी सीजन में प्याज की खेती कम कर दी थी. अब सरकार से अपील है कि 31 मार्च से पहले वो निर्यात फिर से खोल दे ताकि रबी सीजन बर्बाद न हो. अगर निर्यात नहीं खोला गया तो प्याज की खेती और कम हो जाएगी. यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा. 

किस मंडी में कितना रहा दाम

  • सोलापुर मंडी में 11 मार्च को 31403 क्विंटल प्याज बिकने के लिए आया. यहां न्यूनतम दाम 100, अधिकतम 2250 और औसत दाम 1300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • अहमदनगर में 57069 क्विंटल प्याज की आवक हुई. यहां 11 मार्च को न्यूनतम दाम 150, अधिकतम 1900 और औसत दाम 1400 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • नाशिक जिले की सिन्नर मंडी में 11 मार्च को  3479 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इतनी कम आवक के बावजूद न्यूनतम दाम 200, अधिकतम 1700 और औसत दाम 1550 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • बारामती मंडी में सिर्फ 772 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद 11 मार्च को यहां न्यूनतम दाम 300, अधिकतम 1500 और औसत दाम 1000 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

 

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