महाराष्ट्र में इस बार आम का सीजन समय से पहले ही शुरू हो गया है. कोंकण के बगीचों में आश्चर्यजनक तौर पर फल आ गए हैं और इस बार इनकी संख्या ज्यादा है. इस वजह से ही आम की आवक समय से पहले ही शुरू हो गई है. वहीं यह खबर पुणे के लोगों के लिए थोड़ी सी परेशान करने वाली हो सकती है क्योंकि जल्दी आम आने का मतलब यही है कि इस बार सीजन भी कम समय के लिए रहेगा. पुणे के थोक बाजार के व्यापारियों की मानें तो भले ही कर्नाटक और कोंकण से आवक जल्दी शुरू हो गई है, लेकिन सीजन में बाद में रुझान पलट सकता है.
आम तौर पर पुणे के लिए, आम का मौसम मार्च में शुरू होता है और जून या मानसून की दस्तक तक जारी रहता है. सबसे पहले कोंकण क्षेत्र से आम आते हैं. उसके बाद कर्नाटक से बड़ी मात्रा में आम आते हैं. रत्नागिरी और देवगढ़ के आम पहले आते हैं. उसके बाद रायगढ़ और ठाणे के आम आते हैं. कर्नाटक से आगमन मार्च के अंत में शुरू होता है और कोंकण से आम खत्म होने के बाद भी कर्नाटक से आम आते रहते हैं. इस अचानक आवक की वजह से हापुस आमों की कीमतों में गिरावट आई है क्योंकि कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों बाजारों से अधिक आवक हो रही है.
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वर्तमान में एक दर्जन आमों की कीमत लगभग 800-1,000 रुपये है, जो औसत मानी जाती है. दिसंबर में होने वाली बारिश से मौसम प्रभावित होने की शुरुआती चिंताओं के बावजूद, आम की अचानक आवक से किसान काफी खुश हैं. इससे फल जल्दी बनने लगे. बाजार में सिंधुदुर्ग हापुस पहले आता है, उसके बाद रत्नागिरी और रायगढ़ की किस्में आती हैं. आम की आवक में अचानक वृद्धि का श्रेय कर्नाटक में अच्छे मौसम को दिया जा सकता है. साथ ही किसानों ने बेहतर कीमत न मिल पाने के डर से जल्दी कटाई भी की. इस वजह से भी ऐसा हुआ है. पुणे के थोक बाजार में कर्नाटक के आम 200-300 रुपये प्रति दर्जन तक बिक रहे हैं. लालबाग और पयारी जैसी अन्य किस्मों की कीमतों में भी गिरावट आई है.
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किसानों की मानें तो जलवायु पहले की तुलना में जल्द ही आर्द्र हो जाने के कारण अब आम की अधिकता हो गई है. जो आम पिछले साल 2000 से 2500 रुपये प्रति दर्जन पर उपलब्ध थे, वो अब 900-1500 रुपये प्रति दर्जन तक मिल रहे हैं. इस साल 80 फीसदी ज्यादा सरप्लस है जबकि पिछले साल ये सिर्फ 40 फीसदी था. हालांकि, 10 अप्रैल से शुरू होने वाले दूसरे स्लॉट में आपूर्ति कम होने की उम्मीद है. भरपूर फसल की उम्मीद के साथ, किसानों को आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट की आशंका है. कुल मिलाकर, आम के मौसम की शुरुआती शुरुआत के कारण इसकी अधिकता हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे बाजार में कीमतें कम हो गई हैं.