जीरे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद अब धीरे-धीरे गिरावट देखी जा रही है. नागौर का जीरा एक समय सोने के भाव तक पहुंच गया था. लेकिन अब जीरे की कीमत में धीरे गिरावट आई है. नागौर जीरे के बाद किसानों के लिए बाजार में ईसबगोल के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं. आज नागौर जिले की दोनों मंडियों में 19 हजार ईसबगोल की वैरायटी थी. जीरे का भाव 39 हजार रुपए रहा.
अनाज का नाम | मंडी भाव |
मूंग | 6 हजार से लेकर 8450 हजार |
ग्वार | 4500 से 5150 हजार |
जीरा | 30000 से 38500 हजार |
सौंफ | 8000 से 12500 हजार |
ईसबगोल | 15000 से 19000 हजार |
ज्वार | 3500 से 4850 हजार |
सरसों | 4000 से 5050 हजार |
तारामीरा | 4800 से 5150 हजार |
मेथी | 5500 से 6350 हजार |
तिल | 12000 से 13400 हजार |
मोठ | 5000 से 6000 हजार |
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अनाज का नाम | मंडी भाव |
मूंग | 5500 से 8000 हजार |
चना | 5300 से 5500 हजार |
सुआ | 11000 से 13000 हजार |
सौंफ | 11200 से 13700 हजार |
जीरा | 30000 से 39000 हजार |
ग्वार | 4750 से 5200 हजार |
ईसबगोल | 13000 से 17500 हजार |
असालिया | 8500 से 9000 हजार |
नागौर जिले के किसानों के लिए जीरा सोने के भाव बिक रहा है. लेकिन अब धीरे-धीरे जीरे के दाम गिरने लगे. अब जीरे के बाद अन्य फसलों के दाम भी धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं. नागौर मंडी में शुक्रवार को जीरे का ताजा भाव 38500 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि ईसबगोल का भाव 19000 रुपए प्रति क्विंटल रहा.
हाल के दिनों में कृषि मंडी की कीमतों में तेजी देखी गई है. सब्जियों के अलावा दालों और मसालों के रेट भी बढ़ गए हैं. प्याज के साथ लहसुन की कीमत भी तेजी पर है. इसमें जीरा भी है, जिसकी कीमत लगातार बढ़ रही है. जीरे का प्रयोग मुख्यतः मसाले के रूप में किया जाता है. विदेशों में भी इसकी मांग है. मांग बढ़ने और आपूर्ति घटने से इसकी कीमत बढ़ रही है. यही हाल इसबगोल का भी है. जिसका इस्तेमाल दवा से लेकर ब्युटि प्रॉडक्ट तक में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. इसकी कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं. बारिश के कारण फसल बर्बाद होने से दोनों की उपज गिर गई थी.