कपास और सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान बनाएगी महाराष्ट्र सरकार, किसानों को होगा फायदा

कपास और सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान बनाएगी महाराष्ट्र सरकार, किसानों को होगा फायदा

सोयाबीन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए के लिए 26 और कपास के लिए 21 जिलों का होगा चयन. सोयाबीन के उत्पादकता में पहले से ही देश में नंबर वन है महाराष्ट्र. जबकि कपास की उत्पादकता में राजस्थान और गुजरात के मुकाबले बहुत पीछे है. उत्पादकता बढ़ाकर राज्य सरकार किसानों की आय में वृद्धि करना चाहती है सरकार.

कपास और सोयाबीनकपास और सोयाबीन
सर‍िता शर्मा
  • Mumbai,
  • Mar 07, 2024,
  • Updated Mar 07, 2024, 12:13 PM IST

महाराष्ट्र सरकार अपने राज्य की दो प्रमुख फसल कपास और सोयाबीन की उत्पादकता बढ़ाने का एक्शन प्लान बनाने जा रही है, ताकि कुल राज्य का कुल उत्पादन बढ़े और किसानों की कमाई में इजाफा हो. इस प्लान में सोयाबीन के अलावा दूसरी तिलहन फसलों को भी शामिल किया जाएगा. राज्य में कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने इस बात के आदेश दिए हैं. मुंबई में मुंडे ने इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि सोयाबीन की फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 26 जिले जबकि कपास की फसल के लिए 21 जिलों में कार्यक्रम लागू होगा.

यदि इसके लिए और अधिक धन की आवश्यकता है, वह भी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी.प्रमुख तिलहन फसल सोयाबीन की उत्पादकता के मामले में महाराष्ट्र पहले से ही सबसे आगे है. वो इस मामले में आने वाले दिनों में भी आगे रहने रहना चाहता है. इसलिए इस पर काम कर रहा है. देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्य प्रदेश में प्रत‍ि हेक्टेयर उत्पादकता 11 से 11.5 क्व‍िंटल प्रत‍ि हेक्टेयर है. जबक‍ि महाराष्ट्र में यह 14 से 15 क्व‍िंटल प्रत‍ि हेक्टेयर है.

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कपास की उत्पादकता में पीछे है महाराष्ट्र

कपास उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश के अन्य सभी राज्यों में भले ही सबसे आगे है, लेकिन उत्पादकता के मामले में राजस्थान और गुजरात से बहुत पीछे है. कपास महाराष्ट्र की प्रमुख फसल है. इस पर लाखों किसानों का जीवन आश्रित है. इसलिए सरकार चाहती है कि किसी भी सूरत में इसकी उत्पादकता बढ़े. ऐसा होगा तो किसानों की आय बढ़ेगी. इस समय देश में कुल उत्पादित होने वाले कपास में महाराष्ट्र अकेले 27.10  प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है. ऐसे में अगर उत्पादकता बढ़ेगी तो उसकी कुल उत्पादन में भागीदारी और बढ़ जाएगी.

नैनो यूरिया और डीएपी का बढ़ेगा इस्तेमाल

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने किसानों द्वारा नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग को बढ़ाने के लिए इनका प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसे वर्ष 2024-25 के फसल प्रदर्शन पैकेज में भी शामिल किया जाना चाहिए. नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग में महाराष्ट्र राज्य को देश में नंबर वन बनाने के लिए विभाग मिशन मोड पर काम करेगा.

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