Rabi Crops Sowing: गेहूं, धान, चना और मूंगफली की बुवाई प‍िछड़ी, जान‍िए सरसों और मोटे अनाजों का क्या है हाल?

Rabi Crops Sowing: गेहूं, धान, चना और मूंगफली की बुवाई प‍िछड़ी, जान‍िए सरसों और मोटे अनाजों का क्या है हाल?

इस बार दलहन फसलों की खेती का रकबा प‍िछले साल से 7.97 लाख हेक्टेयर कम है. यह च‍िंंता बढ़ाने वाली खबर है. इस सीजन में 5 जनवरी तक 148.18 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है. जबक‍ि प‍िछले साल इसी अवध‍ि में 156.15 लाख हेक्टेयर एर‍िया कवर हुआ था. चने की बुवाई काफी घटी है.  

गेहूं की क‍ितनी हुई बुवाई? गेहूं की क‍ितनी हुई बुवाई?
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Jan 05, 2024,
  • Updated Jan 05, 2024, 9:36 PM IST

रबी फसलों की बुवाई इस साल प‍िछड़ गई है. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अध‍िकार‍ियों के मुताब‍िक फसल वर्ष 2023-24 में 5 जनवरी तक सभी फसलों को म‍िलाकर स‍िर्फ 654.89 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. जबक‍ि 2022-23 में की इस अवध‍ि में 663.07 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हुई थी. यानी इस बार 8.18 लाख हेक्टेयर कम बुवाई हुई है. गेहूं, धान, चना, मूंगफली, उड़द, मूंग, सूरजमुखी, त‍िल और अलसी का रकबा प‍िछले साल के मुकाबले कम है. दूसरी ओर, सरसों और मोटे अनाजों का रकबा प‍िछले वर्ष से अध‍िक है. एक भी मोटे अनाज के रकबे में कोई कमी नहीं है. 

सबसे पहले रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बात करते हैं. इसकी बुवाई में मामूली कमी है. गेहूं पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 331.89 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 331.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोया गया है. इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 0.19 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र कवर किया गया है. पछेती प्रजाति के गेहूं की बुआई जनवरी के पहले सप्ताह तक चलेगी. कुछ राज्य जनवरी के अंत तक क्षेत्र कवरेज की रिपोर्ट देते हैं. 

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धान की खेती का एर‍िया 

धान की बुवाई अभी भी जारी है और सामान्य या इससे अधिक क्षेत्र में रकबा होने की उम्मीद है. इस साल 5 जनवरी तक स‍िर्फ 17.98 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई या रोपाई हुई है. जबक‍ि प‍िछले सीजन के इसी अवध‍ि में 20.02 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. यानी इस बार रबी सीजन के धान का रकबा 2.04 लाख हेक्टेयर कम है. पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे पूर्वी राज्यों में ग्रीष्मकालीन चावल की बुआई दिसंबर-जनवरी से शुरू हो गई है. जबकि दक्षिणी राज्यों में मुख्य रूप से तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बुवाई फरवरी-मार्च तक जारी रहेगी. 

दलहन की खेती प‍िछड़ी 

इस बार दलहन फसलों की खेती का रकबा प‍िछले साल से 7.97 लाख हेक्टेयर कम है. इस सीजन में 5 जनवरी तक 148.18 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है. जबक‍ि प‍िछले साल इसी अवध‍ि में 156.15 लाख हेक्टेयर एर‍िया कवर हो चुका था. चने की बुवाई सबसे ज्यादा प‍िछड़ी है. इसका रकबा 7.53 लाख हेक्टेयर कम है. इसकी वजह खरीफ फसलों की देर से कटाई, अन्य फसलों की ओर क‍िसानों का रुझान और मिट्टी में नमी की कमी बताई गई है. आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ को छोड़कर चने की बुआई लगभग समाप्त हो चुकी है. इन दोनों सूबों में चने की बुवाई जनवरी के मध्य तक होगी, जैसा कि संबंधित राज्यों द्वारा बताया गया है.

त‍िलहन फसलों का क्या है हाल? 

सरसों की बुवाई ने त‍िलहन फसलों के रकबा को संभाल रखा है. इस साल अब तक 107.21 लाख हेक्टेयर में त‍िलहन फसलों की बुवाई हो चुकी है जो प‍िछले साल से 0.50 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. सरसों की बुवाई 5 जनवरी तक 98.86 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. जबक‍ि प‍िछले सीजन में इसी अवध‍ि के दौरान 96.71 लाख हेक्टेयर में ही सरसों बोया गया था. यानी प‍िछले साल के मुकाबले 2.15 लाख हेक्टेयर अध‍िक एर‍िया में सरसों की बुवाई हुई है. जबक‍ि मूंगफली, कुसुम, सूरजमुखी, तिल और अलसी का एर‍िया प‍िछले साल से कम है.  

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