कोलकाता में महंगाई से जनता परेशान, 35 रुपये किलो के पार पहुंचा आलू, जानें क्यों बढ़ रही हैं कीमतें

कोलकाता में महंगाई से जनता परेशान, 35 रुपये किलो के पार पहुंचा आलू, जानें क्यों बढ़ रही हैं कीमतें

कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सूत्रों के अनुसार, पिछले साल राज्य में 67 लाख टन आलू का भंडारण किया गया था. वर्तमान में, राज्य भर में 475 कोल्ड स्टोरेज में 45 लाख टन आलू का भंडारण किया गया है, जिसमें वर्तमान आवश्यकता 700,000 टन है, और 500,000 टन बीज के लिए रिजर्व रखा गया है.

आलू की कीमत में बंपर उछाल. (सांकेतिक फोटो)आलू की कीमत में बंपर उछाल. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 13, 2024,
  • Updated Jul 13, 2024, 4:06 PM IST

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आलू की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. अभी कोलकाता में ज्योति किस्म का आलू 35-38 रुपये किलो बिक रहा है, जो एक महीने पहले 20 रुपये था. हालांकि, प्रीमियम चंद्रमुखी किस्म के रेट में अब 5 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है. फिर भी यह बहुत महंगा है. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि मंडियों में आलू की सप्लाई पहले के मुकाबले कम हो गई है. ऐसे में मांग और आपूर्ति में अंतर आने की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बेमौसम बारिश ने बोए गए आलू के बीजों को बहुत नुकसान पहुंचाया. ऐसे में किसानों को फिर से आलू बोना पड़ा. इससे फसल के उत्पादन में गिरावट आई और आलू के आकार में छोटे हो गए. वहीं, कुछ व्यापारियों का मानना ​​है कि मौजूदा खुदरा कीमतों में थोड़ी कमी की जा सकती है. चुनाव से पहले ज्योति की खुदरा कीमत 27-28 रुपये प्रति किलो थी. व्यापारियों का दावा है कि जब आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था, तब बाजार में इसकी कीमत 16-17 रुपये प्रति किलो थी. कोल्ड स्टोरेज अवधि समाप्त होने के बाद यह 22 रुपये प्रति किलो हो गई, जिसमें 6-7 रुपये प्रति किलो भंडारण किराया सहित अतिरिक्त लागत शामिल है.

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67 लाख टन आलू का भंडारण

कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सूत्रों के अनुसार, पिछले साल राज्य में 67 लाख टन आलू का भंडारण किया गया था. वर्तमान में, राज्य भर में 475 कोल्ड स्टोरेज में 45 लाख टन आलू का भंडारण किया गया है, जिसमें वर्तमान आवश्यकता 700,000 टन है, और 500,000 टन बीज के लिए रिर्जव है. प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ ने दावा किया कि अन्य वर्षों की तुलना में कोल्ड स्टोरेज से कम से कम 1 से 2 फीसदी अधिक आलू निकल रहा है. संघ के राज्य सचिव लालू मुखोपाध्याय ने कहा कि थोक मूल्य सही हैं, लेकिन खुदरा कीमतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. 

क्या आलू की हो रही है जमाखोरी

कोल्ड स्टोरेज मालिक संघ के राज्य अध्यक्ष बरेन मंडल ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि आलू की जमाखोरी की वजह से महंगाई बढ़ रही है, तो वह आगे की जांच कर सकती है. किसान केसब घोष ने कहा कि मैंने आलू दो बार बोया, लेकिन दूसरी फसल में छोटे आकार के आलू निकले और उत्पादन कम हो गया. हाल ही में सीएम से मिलने वाले व्यापारी और कोल्ड स्टोरेज मालिक पतित पाबन डे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हमने सरकार से 50 किलो के पैकेट में मिलाए गए छोटे आकार के आलू खरीदने का अनुरोध किया. व्यापारियों ने बताया कि बढ़ती कीमतों के कारण कोल्ड स्टोरेज तय समय से 15 दिन पहले यानी अप्रैल के तीसरे सप्ताह में ही खोल दिए गए. इसके बावजूद थोक कीमतें अनियंत्रित रहीं.

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कोल्ड स्टोरेज में आलू का रेट

अब कोल्ड स्टोरेज से आलू 26-28 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसके बाद ये बड़े थोक विक्रेताओं और स्थानीय व्यापारियों से होते हुए खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचता है. इस प्रक्रिया में छोटे, मध्यम और खराब गुणवत्ता वाले आलू छांटे जाते हैं, जिससे कीमतें और बढ़ जाती हैं. कोली मार्केट के एक खुदरा व्यापारी ने बताया कि हम हुगली और बर्दवान से चुनिंदा आलू ला रहे हैं. अच्छी गुणवत्ता वाले आलू की कीमत ज्यादा है. 

 

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