बागवानी... आज के दौर में बागवानी, किसानों को रोजगार के साथ ही उनकी आय में बढ़ोत्तरी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. वहीं कई किसानों के लिए बागवानी बुढ़ापे में पेंशन की गांरटी भी बन गई है. बिहार के कैमूर जिले स्थित डहरक गांव के निवासी बलराम सिंह भी उन्हीं कुछ लोगों में से एक हैं. जिन्होंने अपने डेढ़ एक एकड़ जमीन में आम अमरूद सहित अन्य फलों के पेड़ इसलिए लगाए हैं, जिसका उद्देश्य ये है कि वे बुढ़ापे में इस बाग से पेंशन के रूप में इससे कमाई कर सके. ये बागवानी के साथ दूध संग्रह और खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
67 वर्षीय बलराम सिंह कहते हैं कि आज के समय में जिस किसान के पास खुद की जमीन है. वह खेती के साथ बागवानी से लंबे समय तक एक अच्छी कमाई कर सकते हैं. 63 वर्ष की आयु में बागवानी का विचार आने के बाद बलराम सिंह ने अपनी कमाई का जरिया तो तैयार किया ही है. साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए भी कमाई का बेहतर विकल्प बागवानी के रूप में तैयार किया है.
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किसान बलराम सिंह ने किसान तक से बातचीत में बताया कि वे कई वर्षों से दूध संग्रह इकाई चलाते है, लेकिन इस व्यवसाय में अधिक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए. उन्होंने ने बागवानी की ओर कदम बढ़ाया. पिछले चार सालों के दौरान काफी मेहनत के बाद करीब डेढ़ एकड़ में 140 अमरूद, 150 के आसपास आम सहित मौसमी, नींबू का पेड़ लगाने में सफल हो पाए. पिछले साल अमरूद से 20 हजार रुपये से अधिक की कमाई कर चुके हैं. इनका कहना हैं कि जब सभी पेड़ पर फल आने शुरू हो जाएंगे तो सालाना तीन लाख रुपये की कमाई आसानी से हो जाएगी. आगे वह कहते हैं कि जब शरीर काम करना छोड़ देगा तो यहीं बगीचा कमाई का माध्यम बनेगा. बलराम सिंह बागवानी के साथ धान, गेहूं सहित सब्जी की खेती करते हैं. इसके साथ ही दूध संग्रह के व्यवसाय से मोटी कमाई कर रहे हैं. वे सालाना खेती और दूध के व्यवसाय से तीन लाख रुपए से अधिक की कमाई करते हैं.
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बलराम सिंह खुद बगीचा लगाए हुए हैं. साथ ही करीब चार अन्य किसानों को जागरूक करते हुए उनसे भी बगीचा लगवाया है. वह कहते हैं कि अगर कोई भी दस डिसमिल जमीन में भी बागवानी शुरू करता है तो वह इससे अच्छी कमाई कर सकता है. आज लोग अपनी पुरखों की जमीन को छोड़कर बड़े शहरों में नौकरी करने जाते हैं, लेकिन वह उस जमीन के कुछ हिस्सों में बगीचा लगा देते हैं. तो वह शहरों में नौकरी के साथ बगीचा से भी कमाई कर सकते हैं. आज बागवानी का बिजनेस रोजगार का एक सफल विकल्प है.