प्याज के दाम में भारी गिरावट, निर्यात बंदी लागू रहने की वजह से किसानों को नुकसान

प्याज के दाम में भारी गिरावट, निर्यात बंदी लागू रहने की वजह से किसानों को नुकसान

दाम पर ही संतोष करते हैं जो 2 रुपये से लेकर के 7 रुपये किलो तक है. इस बीच महाराष्ट्र की कई मंडियों में आवक लगातार बढ़ रही है जिसकी वजह से दाम और कम हो रहा.किसानों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार तय समय पर 31 मार्च 2024 तक प्याज की निर्यात बंदी को खत्म कर देगी, लेकिन उसने इसे आगे बढ़ा दिया. जिसकी वजह से किसानों की परेशानी रबी सीजन में भी बढ़ गई है. 

प्याज़ की कीमतों में आई गिरावट प्याज़ की कीमतों में आई गिरावट
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Apr 02, 2024,
  • Updated Apr 02, 2024, 1:24 PM IST

एक अप्रैल के बाद भी प्याज की निर्यात बंदी लागू रहने की वजह से प्रमुख मंडियों में दाम काफी गिर गए हैं. अधिकतम दाम सिर्फ 20 रुपये किलो पर आकर अटक गया है. जबकि किसानों का दावा है कि इतनी तो उनकी उत्पादन लागत आती है. अधिकतम दाम बहुत कम किसानों को ही मिल पाता है. ज्यादातर किसान न्यूनतम दाम पर ही संतोष करते हैं जो 2 रुपये से लेकर के 7 रुपये किलो तक है. इस बीच महाराष्ट्र की कई मंडियों में आवक लगातार बढ़ रही है जिसकी वजह से दाम और कम हो रहा. राज्य मैं रबी सीजन के प्याज की बड़े पैमाने पर खेती होती है और इसके स्टोरेज की व्यवस्था सभी किसानों के पास नहीं है, इसलिए अब मार्केट में इसकी आवक तेजी से बढ़ने का अनुमान है. 

किसानों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार तय समय पर 31 मार्च 2024 तक प्याज की निर्यात बंदी को खत्म कर देगी, लेकिन उसने इसे आगे बढ़ा दिया. जिसकी वजह से किसानों की परेशानी रबी सीजन में भी बढ़ गई है. सरकार ने खरीफ सीजन की शुरुआत में 7 दिसंबर 2023 को निर्यात बंदी लागू की थी और कहा था कि यह 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी. लेकिन अब उसे आगे बढ़ाने की वजह से रवि सीजन भी किसानों के लिए चौपट हो सकता है, क्योंकि दाम काफी गिर गए हैं. 

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किसानों में है गुस्सा

महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. यहां लाखों किसानों की आजीविका इसकी खेती पर निर्भर है. निर्यात बंदी लागू होने की वजह से यहां के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. इसलिए निर्यात बंदी के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा यहीं के किसानों में है. अब यहां के किसान लोकसभा चुनाव में उन लोगों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं जिनकी वजह से उन्हें प्याज की खेती में लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि उनके साथ न तो सत्ता पक्ष है न विपक्ष. किसान लगातार औने पौने दाम पर प्याज बेच रहे हैं लेकिन नेताओं को इस मुद्दे से कोई वास्ता ही नहीं लगता. 

किस मंडी में कितना है दाम   

  • कोल्हापुर मंडी में 1अप्रैल को 10028 क्विंटल प्याज बिकने के लिए आया. यहां न्यूनतम दाम 700, अधिकतम 1800 और औसत दाम 1300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  •  छत्रपति संभाजीनगर में 1727 क्विंटल प्याज की आवक हुई. न्यूनतम दाम 500, अधिकतम 1300 और औसत दाम 990 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • करदा जिले मंडी में 150  क्विंटल प्याज की आवक हुई.  न्यूनतम दाम 500, अधिकतम 1300 और औसत दाम 1300  रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • बरामती मंडी में सिर्फ 709 क्विंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 300, अधिकतम 1500 और औसत दाम 1100  रुपये प्रति क्विंटल रहा.

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