वैज्ञानिकों ने किसानों को किया सतर्क, गेहूं कटाई से इतने दिन पहले सिंचाई न करने की सलाह

वैज्ञानिकों ने किसानों को किया सतर्क, गेहूं कटाई से इतने दिन पहले सिंचाई न करने की सलाह

वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ी इलाके के किसानों को पीला रतुआ रोग से बचना चाहिए. अगर खेत में किसी तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत फफूंदनाशक दवा का खेत में छिड़काव करना चाहिए. इसके अलावा किसानों को खेत में नमी भी बनाए रखने की सलाह दी गई है.

गेहूं कटाई से पहले करें ये जरूरी काम. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 08, 2024,
  • Updated Apr 08, 2024, 12:32 PM IST

हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक कई जिलों की मंडियों में उपज की आवक नहीं हुई है. कहा जा रहा है कि इस बार लंबे समय तक मौसम ठंडा रहने की वजह से गेहूं की फसल को तैयार होने में ज्यादा समय लग गया. इसके चलते फसल कटाई में देरी हो रही है. लेकिन इसी बीच भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल ने किसानों के लिए एक सलाह जारी की है. उसने किसानों सतर्क रहने का आग्रह किया गया है.

आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने किसानों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि गेहूं की कटाई के लिए उचित नमी की मात्रा (12 से 3 प्रतिशत) बनाए रखी जाए और सुरक्षित भंडारण के लिए सभी आवश्यक स्वच्छता के उपाय किए जाएं. उन्होंने आगे कहा कि परिपक्वता के लिए मिट्टी की उचित नमी बनाए रखने के लिए फसल की आवश्यकताओं के अनुसार किसान हल्की सिंचाई कर सकते हैं.

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पीला रतुआ रोग से किसान रहें सतर्क

ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा है कि यदि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, तो किसान 0.2 प्रतिशत म्यूरेट ऑफ पोटाश (प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में 400 ग्राम घोलें) या 2 प्रतिशत KNO3 (200 लीटर पानी में 4 किलोग्राम प्रति एकड़) का छिड़काव कर सकते हैं. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों को पीला रतुआ या भूरा रतुआ रोग के प्रति सतर्क रहना चाहिए और प्रोपिकोनाजोल 25ईसी का छिड़काव करना चाहिए.

8 लाख टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद

उन्होंने कहा कि किसानों को पीला रतुआ रोग से बचाने के लिए एक एकड़ गेहूं की फसल पर 200 मिलीलीटर फफूंदनाशक दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. साथ ही उन्होंने देर से बोई गई फसलों में हल्की सिंचाई करने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि किसानों को कटाई से 8-10 दिन पहले फसलों की सिंचाई बंद कर देनी चाहिए. हरियाणा इस बार 3.8 लाख एकड़ में गेहूं की खेती की गई है और विभाग ने प्रति एकड़ 23 क्विंटल औसत पैदावार का अनुमान लगाया है. प्रशासन को इस सीजन में करीब 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक का अनुमान है.

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कब आएगी गेहूं कटाई में तेजी

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक वीरेंद्र सिंह लाठर ने कहा कि इस साल मार्च के दौरान कम तापमान के कारण गेहूं की फसल के पकने में 10-15 दिन की देरी हो गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान में, अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे है, जिससे कटाई प्रक्रिया में और देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि बैसाखी के बाद गेहूं की कटाई शुरू होगी और 20 अप्रैल के बाद इसमें तेजी आएगी.

 

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