Sugar Export: चीनी निर्यात पर प्रतिबंध जारी रखेगी सरकार, जान‍िए इसकी तीन बड़ी वजह 

Sugar Export: चीनी निर्यात पर प्रतिबंध जारी रखेगी सरकार, जान‍िए इसकी तीन बड़ी वजह 

केंद्र सरकार चुनावी साल के दौरान क‍िसी भी तरह न स‍िर्फ घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों को काबू में रखना चाहती है बल्क‍ि पहले से अध‍िक इथेनॉल बनाने पर जोर भी दे रही है. उधर, महाराष्ट्र जैसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों में खराब फसल ने च‍िंता बढ़ा दी है.

चीनी के घरेलू दाम पर काबू में रखना चाहती है सरकार (Photo-Kisan tak).  चीनी के घरेलू दाम पर काबू में रखना चाहती है सरकार (Photo-Kisan tak).
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 18, 2023,
  • Updated Oct 18, 2023, 10:47 AM IST

केंद्र सरकार चालू सीजन (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024) में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध जारी रखेगी. सरकार एक्सपोर्ट की बजाय घरेलू जरूरतों को प्राथम‍िकता देगी. इसकी बड़ी वजह गन्ने के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना और चुनावी साल है. इथेनॉल की अधिक आवश्यकता और घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों पर काबू रखने की वजह से भी इस तरह का कदम उठाया जाएगा. सरकार चाहती है क‍ि क‍िसी भी सूरत में चुनावी साल में चीनी की महंगाई न बढ़े. क्योंक‍ि इसका असर वोट पर पड़ सकता है. सूत्र ने कहा क‍ि विदेश व्यापार महानिदेशक इस सप्ताह चीनी निर्यात नीति को अधिसूचित करेंगे. क्योंकि पिछली अधिसूचना की वैधता 31 अक्टूबर को समाप्त हो रही है. 

साल 2022 में 28 अक्टूबर को जारी एक अधिसूचना में, विदेश व्यापार महानिदेशक ने चीनी न‍िर्यात के ल‍िए निर्यातकों को खाद्य मंत्रालय से पूर्व परमिट लेना अनिवार्य क‍िया था. यह आदेश 31 अक्टूबर, 2023 तक लागू रहेगा. चीनी का न‍िर्यात 1 जून, 2022 से प्रतिबंधित कर दिया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में कमी की आशंका के बीच घरेलू खपत के लिए पर्याप्त स्टॉक हो. यह पहल ने खुदरा कीमतों में किसी भी वृद्धि को रोकने में मदद की. सरकार ने शुरू में 2021 के लिए शिपमेंट को 10 मिलियन टन पर सीमित कर दिया था. हालांक‍ि बाद में 1.2 मिलियन टन के अतिरिक्त शिपमेंट की अनुमति दी गई. दूसरी ओर, 2022-23 सीज़न के लिए, 6.2 मिलियन टन के निर्यात के लिए परमिट जारी किए गए थे. 

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इथेनॉल बनाने पर भी जोर

सरकार न स‍िर्फ घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों को काबू में रखना चाहती है बल्क‍ि इथेनॉल बनाने पर भी जोर दे रही है. उधर, महाराष्ट्र जैसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य में फसल खराब है. महाराष्ट्र में चीनी मिलों द्वारा दशहरे के आसपास और उत्तर प्रदेश में इस महीने के आखिरी सप्ताह से गन्ना पेराई शुरू करने की उम्मीद है. गन्ने की फसल को सूखे की चपेट में आने की वजह से महाराष्ट्र सरकार ने अपने राज्य का गन्ना दूसरे सूबे में बेचने पर रोक लगाने वाला आदेश जारी कर द‍िया था लेक‍िन क‍िसानों के व‍िरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा. 

इथेनॉल डायवर्सन क‍ितना हुआ 

केंद्र ने 2022-23 के 4.1 मिलियन टन के मुकाबले 2023-24 में 5 से 5.5 मिलियन टन चीनी को इथेनॉल में डायवर्ट की ओर मोड़ने की उम्मीद की थी. हालांकि, फसल की स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र और कर्नाटक में इथेनॉल के ल‍िए चीनी का इतना डायवर्जन नहीं हो सकता. ज्यादा चीनी को इथेनॉल के उत्पादन में नहीं लगाया जा सकता. इथेनॉल बनाने के ल‍िए गुड़, गन्ने के रस और अनाज का उपयोग किया जाता है. इस बीच गन्ना आयुक्तों ने सूचित किया है कि चीनी उत्पादन 29.5 से 30 मिलियन टन के बीच होगा. 

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