यूरोपीय यून‍ियन ने पाकिस्तान की ऑर्गेन‍िक बासमती में पकड़ा जीएम चावल, भारत को म‍िल सकता है फायदा 

यूरोपीय यून‍ियन ने पाकिस्तान की ऑर्गेन‍िक बासमती में पकड़ा जीएम चावल, भारत को म‍िल सकता है फायदा 

व‍िशेषज्ञों का मानना है क‍ि यूरोपीय संघ जीएम उत्पादों के प्रति संवेदनशील है. जीएम आधारित खाद्य पदार्थ यूरोपीय संघ में रेगुलेटेड हैं. इनकी केवल तभी अनुमति दी जाती है जब संबंधित जीएम फसल को अथॉर‍िटी से मंजूरी दी गई हो. पाक‍िस्तान के इस प्रकरण के बाद ईयू में भारतीय बासमती चावल को जीआई टैग म‍िलने का रास्ता आसान हो सकता है. 

पाक‍िस्तानी बासमती में म‍िली जीएम चावल की म‍िलावट.पाक‍िस्तानी बासमती में म‍िली जीएम चावल की म‍िलावट.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 08, 2024,
  • Updated Aug 08, 2024, 11:09 AM IST

बासमती चावल के प्रमुख बाजार यूरोपीय संघ (EU) में पाक‍िस्तान को बड़ा झटका लग सकता है. पाकिस्तान से जर्मनी भेजी गई जैविक बासमती चावल की खेप में ईयू के अधिकारियों ने जेनेट‍िकली मोड‍िफाइड (GM) चावल पाया है. खाद्य और फीड के लिए यूरोपीय संघ के रैपिड अलर्ट सिस्टम (RASFF) ने सोमवार (5 अगस्त) को कहा कि बासमती चावल की यह खेप नीदरलैंड के रास्ते जर्मनी में आई थी. कंटेम‍िनेशन (संदूषण) का पता जर्मनी और लक्ज़मबर्ग की सरकारी प्रयोगशालाओं में लगाया गया है. इस प्रकरण के बाद ईयू में भारतीय बासमती चावल को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग म‍िलने का रास्ता आसान हो सकता है. दुन‍िया में दो ही देश भारत और पाक‍िस्तान बासमती चावल का उत्पादन करते हैं.

पाक‍िस्तान द्वारा यूरोप के देश में भेजे गए बासमती चावल में जीएम राइस म‍िलने के बाद वहां उसकी व‍िश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे. इसका लाभ भारत उठा सकता है. जानकारों का मानना है क‍ि अगर ईयू में भारतीय बासमती चावल को जीआई टैग म‍िल जाए तो हमारे बासमती चावल एक्सपोर्ट में 4 लाख मीट्र‍िक टन और जुड़ सकता है. भारत ने जुलाई 2018 में जीआई टैग के लिए यूरोपीय संघ में आवेदन किया था, लेक‍िन पाक‍िस्तान भारत के आवेदन का व‍िरोध कर रहा है. ऐसे में ईयू चाहता है क‍ि भारत और पाकिस्तान संयुक्त रूप से इसकी मांग करें. लेकिन भारत सरकार ने इस सुझाव को र‍िजेक्ट कर दिया है.

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जीएम उत्पादों के प्रति संवेदनशील है ईयू 

व‍िशेषज्ञों का मानना है क‍ि यूरोपीय संघ जीएम उत्पादों के प्रति संवेदनशील है. एक खेप में जीएम चावल का पाया जाना निर्यात के दौरान कमजोर निगरानी को दर्शाता है. इस घटना के बाद यूरोपीय आयोग पाकिस्तान में वर्तमान इन-प्रोसेस गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली में सुधार कर सकता है. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के लंबे दाने वाले इंडिका चावल के डीएनए तत्वों में चीन से आने वाले जीएम चावल पाए गए थे. आरएएसएफएफ ने 2011 और 2012 में छह ऐसे अलर्ट जारी किए थे. 

पाक‍िस्तान का दावा होगा प्रभाव‍ित 

“बासमती राइस: द नेचुरल ज‍ियोग्राफ‍िकल इंड‍िकेशन” नामक क‍िताब ल‍िखने वाले एस चंद्रशेखरन के मुताब‍िक जीएम उत्पाद और जीआई उत्पाद कभी एक साथ नहीं रह सकते. मौजूदा घटनाक्रम, ईयू में पाकिस्तान के जीआई टैग वाले दावे को प्रभाव‍ित कर सकता है. दरअसल, इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान ने सुगंधित किस्म के चावल के लिए ईयू से जीआई टैग मांगा था, लेकिन भारत ने इसे चुनौती दी है. इसके अलावा, पाक‍िस्तान के आवेदन में कई विसंगतियां पाई गई हैं, जिसमें भारत के हिस्से वाले क्षेत्रों में बासमती उगाने का दावा भी शामिल है.

जीएम खाद्य पदार्थ और ईयू 

सूत्रों के अनुसार, पाक‍िस्तानी बासमती चावल में कंटेम‍िनेशन चीनी वैज्ञानिकों द्वारा पाकिस्तान में ट्रायल क‍िए जा रहे जीएम चावल की किस्मों के कारण हो सकता है. ज‍िसके ल‍िए चीन और अन्य देशों से बीजों का आयात हुआ है. सूत्रों का कहना है क‍ि जीएम आधारित खाद्य पदार्थ यूरोपीय संघ में रेगुलेटेड हैं. इनकी केवल तभी अनुमति दी जाती है जब संबंधित जीएम फसल को अथॉर‍िटी से मंजूरी दी गई हो. ऐसे में अब बासमती चावल में जीएम राइस की उपस्थिति ही पाक‍िस्तान को शिपमेंट वापस लेना होगा.  

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