इथेनॉल ने बढ़ाया मक्के का महत्व, पांच साल में 100 लाख टन उत्पादन बढ़ाने का प्लान

इथेनॉल ने बढ़ाया मक्के का महत्व, पांच साल में 100 लाख टन उत्पादन बढ़ाने का प्लान

सरकारी जैव ईंधन नीति के अनुसार आने वाले समय में गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन कम करने तथा मक्का जैसे अनाज से उत्पादन करने पर जोर दिया जाएगा. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक अशोक सिंह के अनुसार हाल के वर्षों में मक्के को अच्छी पहचान मिली और इसकी मांग में भी काफी बढ़ोतरी हुई है.

मक्के का बढ़ा उत्पादन
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Mar 27, 2024,
  • Updated Mar 27, 2024, 12:02 PM IST

आने वाले दिनों में मक्के का महत्व काफी बढ़ सकता है. क्योंकि इथेनॉल की वजह से इसकी मांग बढ़ती जा रही है. मक्के की मांग पोल्ट्री उद्योग में भी बढ़ रही है, क्योकि यह मुर्गियों के आहार के रूप में काफी उपयोगी है. इसलिए सरकार पांच वर्ष में 10 मिलियन टन तक मक्का का उत्पादन बढ़ाना चाहती है. देश के खाद्यान्नों में यह तीसरी सर्वाधिक उत्पादित फसल है. वर्ष 2022-23 में 34.6 मिलियन टन मक्का पैदा हुआ था, जबकि उससे पहले के साल में यह 33.7 मिलियन टन था. हालांकि 2023-24 में उत्पादन सिर्फ 32.47 मिलियन टन ही उत्पादन हुआ है. 

सरकारी जैव ईंधन नीति के अनुसार आने वाले समय में गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन कम करने तथा मक्का जैसे अनाज से उत्पादन करने पर जोर दिया जाएगा. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक अशोक सिंह के अनुसार हाल के वर्षों में मक्के को अच्छी पहचान मिली और इसकी मांग में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. अब 'फार्म टू फ्यूल' नामक महत्वाकांक्षी योजना में सरकार की ओर से किसानों को मक्का उगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. 

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ज्यादा उपज देने वाली किस्मों पर होगा फोकस

भारत में गेहूं और धान के बाद मक्का को महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसल माना जाता है. अब इसका उपयोग देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने में भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इसे उगाने वाले किसान अब उर्जादाता बन गए हैं. सरकार की ओर से मक्का का प्रयोग देश के ईंधन मिश्रण कार्यक्रम के अंतर्गत इथेनॉल बनाने के लिए किया जा रहा है. इसलिए अब कृषि वैज्ञानिकों से भी मक्का की अधिक उपज देने में सक्षम उन्नत किस्मों के विकास पर फोकस करने को कहा गया है. इसके अतिरिक्त किसानों के बीच मक्का की खेती के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी देशव्यापी स्तर पर आयोजित करने की योजना पर अमल किया जा रहा है.

इथेनॉल बनाने में अनाज का योगदान

बायोफ्यूल गन्ना, चावल और मक्का जैसे अनाजों से तैयार किया जाता है. वर्तमान में लगभग 25 प्रतिशत इथेनॉल गन्ने के रस से तैयार किया जाता है, जबकि 50 प्रतिशत गुड़ से बनाया जाता है. शेष 25 प्रतिशत इथेनॉल अनाज से ही बनता है. इसकी खेती को बढ़ाने के लिए मक्के को ज्यादा से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की योजना पर काम किया जा रहा है. इस नई पहल से किसानों की आय बढ़ाने के साथ वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल का मिश्रण करने का लक्ष्य सुनिश्चित किया जा सकेगा. इससे किसान विदेशी मुद्रा की बचत करेंगे.

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