चीनी का MSP और गन्‍ने का FRP समान करने की उठी मांग, इंडस्‍ट्री लीडर्स ने सरकार को सौंपा श्‍वेत पत्र

चीनी का MSP और गन्‍ने का FRP समान करने की उठी मांग, इंडस्‍ट्री लीडर्स ने सरकार को सौंपा श्‍वेत पत्र

चीनी मंडी नामक एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म ने सरकार से चीनी के एमएसपी को गन्‍ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) को समरूप लाने और सहि‍त कई मुद्दों पर ध्‍यान‍ देने का आग्रह किया है. चीनी मंडी ने श्‍वेत पत्र में कहा कि  लगातार गन्ने के FRP संशोधनों के बाद भी 2019 से चीनी के MSP में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 18, 2025,
  • Updated Mar 18, 2025, 2:01 PM IST

शुगर इंडस्‍ट्री लगातार नीतिगत हस्‍तक्षेप, चीनी और इथेनॉल की गिरती कीमतों आदि समस्‍याओं से जूझ रही है. इस बीच, चीनी मंडी नामक एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म ने सरकार से चीनी के एमएसपी को गन्‍ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) को समरूप लाने और सहि‍त कई मुद्दों पर ध्‍यान‍ देने का आग्रह किया है. डिजिटल प्‍लेटफॉर्म चीनी मंडी, चीनी, इथेनॉल और इससे जुड़े उद्योगों को लेकर अपडेट और एनासिस आधारित जानकारी देता है. डिटिजिट प्‍लेटफॉर्म ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में चीनी के संयुक्त सचिव अश्विनी श्रीवास्तव को ‘चीनी, जैव ऊर्जा और संबद्ध उद्योगों के विकास के लिए रोडमैप’ शीर्षक वाला एक श्वेत पत्र सौंपा है. 

'2019 से नहीं बदला चीनी का MSP'

हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित हुए ‘द शुगर - इथेनॉल एंड बायोएनर्जी इंडिया कॉन्फ्रेंस - SEIC 2025’ में उद्योग से जुड़े लीडर्स की सिफारिशों और सुझावों के आधार पर इस श्वेत पत्र को तैयार किया गया था. चीनी मंडी ने श्‍वेत पत्र में कहा कि  लगातार गन्ने के FRP संशोधनों के बाद भी 2019 से चीनी के MSP में कोई बदलाव नहीं हुआ है. MSP और FRP के बीच बढ़ते अंतर से चीनी और बायो एनर्जी इंडस्‍ट्री की फाइनेशि‍यल हेल्‍थ पर बुरा असर पड़ रहा है. इसलिए चीनी के MSP में तत्काल बदलाव कर इसे बढ़ाने की जरूरत है. ऐसा होने से चीनी मिलों को कैश फ्लो बनाने में मदद मिलेगी और वे किसानों को समय से गन्ना भुगतान की राशि दे सकेंगे. 

श्‍वेत पत्र में की गई ये मांग

चीनी मंडी ने श्‍वेत पत्र में कहा है कि शुगर इंडस्‍ट्री ने इथेनॉल यूनिट्स में बहुत निवेश किया है, इसलिए यह जरूरी है कि इंडस्‍ट्री की बिक्री से फायदा कमाने में सक्षम हो और इंडस्‍ट्री प्रैक्टिकली चल सके, जिससे किसानों को समय पर गन्ना मूल्य भुगतान किया जा सके. ऐसे में सरकार को गंभीर होकर बी-हैवी गुड़ और सीधे गन्ने के रस के लिए इथेनॉल खरीद मूल्य को संशोधित करना चाहिए. इंडस्‍ट्री लीडर्स ने सरकार से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए खास चीनी उत्पादन फार्मा-ग्रेड, आइसिंग शुगर, पैकेज्ड शुगर को बढ़ावा देने के लिए अनुमति मांगी है.

क्‍या बोले चीनी मंडी के डायरेक्‍टर

एक बयान में चीनीमंडी के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्‍टर उप्पल शाह के हवाले से कहा गया है कि शुगर इंडस्‍ट्री ने उल्लेखनीय ग्रोथ की है, लेकिन अभी भी बहुत-सी चुनौतियों बरकरार हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.  वहीं, चीनीमंडी के को-फाउंडर और निदेशक हेमंत शाह ने कहा कि रणनीतिक योजना, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और स्थि‍रता के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण के साथ, भारत चीनी और बायो एनर्जी प्रोडक्‍शन में नए स्‍टैंडर्ड्स सेट कर सकता है, जो राष्ट्रीय विकास और वैश्विक स्थिरता उद्देश्यों में योगदान देगा.

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