अभी भी देश में अधिकांश किसानों को लगता है कि धान, गेहूं, मक्का, चना और मसूर जैसी पारंपरिक फसलों की खेती से ही सिर्फ कमाई की जा सकती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. अगर किसान बागवानी फसलों की खेती करते हैं, तो कम लागत में बंपर कमाई कर सकते हैं. बस इसके लिए उन्हें थोड़ी बहुत मेहनत करनी पड़ेगी. ऐसे बागवानी सेक्टर में केला, आम, लीची, अमरूद, सेब, आनार और शरीफा सहित कई तरह की फसलें हैं, जिसकी खेती करने पर किसानों की कमाई बढ़ जाएगी. लेकिन आज हम कागजी नींबू की बात करेंगे. यह एक ऐसा फल है, जिसके बगैर में हम स्वादिष्ट सलाद या दाल की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. ऐसे नींबू का सेवन अचार के रूप में भी किया जाता है. यही वजह है कि इसकी मार्केट में सालों भर मांग रहती है.
कागजी नींबू में विटामिन सी, फ्लैवोनोइड्स और पोटैशियम सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये पोषक तत्व डिटॉक्सीफाई करने में मदद करते हैं. इसके चलते चिकित्सक भी लोगों को नींबू का सेवन करने की सलाह देते हैं. खास बात यह है कि गर्मियों के दिन में नींबू की मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है. इससे इसकी कीमत सातवें आसमान पर पहुंच जाती है. अगर किसान कागजी नींबू की खेती करते हैं, तो हर महीने मोटी कमाई कर सकते हैं. इससे उनकी लाइफ स्टाइल बदल जाएगी.
ऐसे तो नींबू की कई प्रजातियां हैं, लेकिन कागजी नींबू बात ही अलग है. यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. इसका एक पौधान 200 रुपये में आता है. रोपाई करने के तीन साल बाद नींबू का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. खास बात यह है कि इसके एक पौधे से आप लगातार 12 साल तक उत्पादन ले पाएंगे. कागजी नींबू के एक पौधे से साल भर में 3000 से 5000 फलों का प्रोडक्शन होता है. अभी होलसेल मार्केट में नींबू 5 रुपये जोड़ा बिक रहा है. इस तरह किसान एक पेड़ से साल में कम से कम 8 हजार रुपये की कमाई कर सकते हैं.
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अगर किसान अपने खेत में कागजी नींबू के 200 से 300 पौधे लगाते हैं, तो साल भर में 15 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर सकते हैं. हालांकि, शुरुआत में नींबू का उत्पादन कम होगा. जैसे-जैसे पेड़ पुराने होंगे, नींबू का प्रोडक्शन भी बढ़ता जाएगा. जिसके बाद किसान हर महीने डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा नींबू की खेती के जरिये कमा सकते हैं. लेकिन किसानों को नींबू के बाग के ऊपर खर्च भी करना पड़ेगा, ताकि फसल में कीटों और रोग लगने की संभावना नहीं रहे. इसके लिए बाग में समय- समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए. कागजी नींबू में लीफ माइनर, सिट्रससिल्ला और सिट्रस कैंकर जैसे रोग लगते हैं.
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