अंगूर के उत्पादन में महाराष्ट्र देश का अग्रणी राज्य है. यहां से बड़े पैमाने पर अंगूर दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है. वहीं, अब सांगली से अंगूरों का निर्यात शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि 30 कंटेनरों में भरकर 438 टन अंगूर का निर्यात दुबई और सऊदी अरब में किया गया है. यानी अब दुबई और सऊदी के लोग सांगली के अंगूरों का स्वाद चख पाएंगे. जबकि, कृषि विभाग का अनुमान है कि अगले 15 दिनों में अंगूर निर्यात में और तेजी आएगी. हालांकि, इस साल प्राकृतिक आपदाओं ने अंगूर के उत्पादक किसानों को काफी परेशान किया. इसके बावजूद भी किसानों ने अपनी मेहनत और लगन से बंपर अंगूर का उत्पादन किया.
दुबई और सऊदी अरब भारत से प्रमुख तौर पर अंगूर खरीदते हैं. सबसे पहले इन्हीं दोनों देशों को अंगूर निर्यात किया जाता है. इसके बाद यूरोप समेत अन्य देशों में निर्यात शुरू होता है. फिलहाल, दुबई और सऊदी अरब को निर्यात शुरू हो गया है. महाराष्ट्र देश का प्रमुख अंगूर उत्पादक और निर्यातक है. यहां बड़े पैमाने पर किसान अंगूर की खेती करते हैं.
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अनुकूल जलवायु के कारण इस वर्ष निर्यात योग्य, गुणवत्तापूर्ण अंगूर का उत्पादन बढ़ेगा. जनवरी से अंगूर का सीजन शुरू हो जाता है. सांगली से अंगूर रूस, चीन, कनाडा, दुबई, सऊदी अरब, जर्मनी, मलेशिया, बांग्लादेश और यूरोपीय देशों में भेजा जाता है.
कृषि विभाग के अधिकारियों ने वर्ष 2023-24 में 16 हजार हेक्टेयर में उत्पादित अंगूर के निर्यात का लक्ष्य रखा है. इसमें से अब तक 5579 हेक्टेयर क्षेत्र के अंगूर की खेती का रजिस्ट्रेशन एक्सपोर्ट के लिए हुआ है. तासगांव तालुका में सबसे अधिक निर्यात के लिए अंगूर के क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन किया गया है. मिराज तालुका में 924, तासगांव में 1366, खानापुर में 972, कडेगांव में 5, और आटपाडी में 72 हेक्टेयर क्षेत्र रजिस्टर्ड किया गया है. कृषि विभाग, सांगली के कृषि निर्यात सलाहकार पीएस नागरगोजे के अनुसार जिले से अंगूर दुबई और सऊदी अरब को निर्यात किया जा रहा है. यूरोप में अंगूर का निर्यात जनवरी के मध्य से शुरू होगा. जनवरी के अंत में अंगूर निर्यात में तेजी आएगी.
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