Flaxseed Farming: आपको धनवान बना सकती है अलसी की खेती, ये पांच किस्में देंगी बंपर मुनाफा

Flaxseed Farming: आपको धनवान बना सकती है अलसी की खेती, ये पांच किस्में देंगी बंपर मुनाफा

अक्टूबर का महीना अलसी की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. अगर आप भी अलसी की खेती करना चाहते हैं तो सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. जानिए अलसी की ऐसी ही पांच किस्मों के बारे में जिनकी खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.

आपको धनवान बना सकती है अलसी की खेतीआपको धनवान बना सकती है अलसी की खेती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Oct 19, 2023,
  • Updated Oct 19, 2023, 3:12 PM IST

अलसी रबी सीजन की एक प्रमुख तिलहन फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. भारत में अलसी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. तिलहन फसलों में अलसी दूसरी सबसे अहम फसल है. इसके पूरे पौधे काफी फायदेमंद होते हैं. इसके तने से लिनेन नामक बहुमूल्य रेशा प्राप्त होता है और इसके बीज से तेल निकाला जाता है. अलसी का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है. आयुर्वेद में अलसी को दैविक भोजन माना गया है. वहीं असली के तेल में प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होने से ये हड्डियों को मज़बूत बनाए रखती है. इसके अलावा शारीरिक अंगों में होने वाले दर्द और थकान से भी मुक्ति दिलाती है.

इन पांच किस्मों की करें खेती

अगर आप किसान हैं और इस अक्टूबर महीने में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो यह काम जल्दी कर सकते हैं. आप अलसी की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में टी-397 , जवाहर-23, आर एल-933 (मीरा), प्रताप अलसी-1 और जवाहर-552 किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

जवाहर 23 किस्म

इस किस्म के फूलों का रंग सफेद होता है. इसके 1000 दानों का वजन 7 से 8 ग्राम होता है. इसके अलावा तेल की मात्रा करीब 43 प्रतिशत होती है. अलसी की यह किस्म प्रति हेक्टेयर करीब 10 से 14 क्विंटल तक उपज देती है.

टी 397 किस्म

इस किस्म की पत्तियों का रंग हरा और फूल नीला होता है. इसके 1000 दानों का वजन करीब 7.5 से 9 ग्राम होता है, तो वहीं दानों में तेल की मात्रा करीब 44 प्रतिशत तक होती है.  इससे प्रति हेक्टेयर करीब 10 से 14 क्विंटल तक उपज प्राप्त हो सकती है.

आर एल-933 (मीरा)

अलसी की इस किस्म के फूलों का रंग नीला होता है. साथ ही यह छाछ्या,  उखटा रोग प्रतिरोधी होती है. इस किस्म के दाने चमकीले और भूरे होते हैं. यह किस्म करीब 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर करीब 16 क्विंटल तक उपज मिलती है. वहीं इसमें तेल की मात्रा करीब 42 प्रतिशत होती है.

प्रताप अलसी-1 किस्म

सफेद फूलों वाली अलसी की यह किस्म राजस्थान के सिंचित क्षेत्र के लिए बेहतर मानी जाती है. यह रोली, कालिका मक्खी, झुलसा और छाछया रोग प्रतिरोधी होती है. यह किस्म करीब 130 से 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर करीब 20 क्विंटल तक उपज मिलती है. इस किस्म के दाने चमकीले भूरे रंग के होते हैं.

जवाहर-552 किस्म

इस किस्म के बीज में करीब 44 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है. यह असिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. अलसी की यह किस्म करीब 115 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 9 से 10 क्विंटल उपज मिलती है.

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