UP: सीएम योगी का बड़ा एक्शन, कई चकबंदी अधिकारियों पर गिरी गाज, सेवा समाप्त के साथ FIR दर्ज, जानें मामला

UP: सीएम योगी का बड़ा एक्शन, कई चकबंदी अधिकारियों पर गिरी गाज, सेवा समाप्त के साथ FIR दर्ज, जानें मामला

इससे पहले सीएम योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में बड़े स्तर पर आधा दर्जन जिलों के चकबंदी अधिकारी से लेकर लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. 

सीएम योगी की सख्ती पर फिर चला चकबंदी विभाग में बर्खास्तगीसीएम योगी की सख्ती पर फिर चला चकबंदी विभाग में बर्खास्तगी
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Oct 20, 2023,
  • Updated Oct 20, 2023, 8:01 PM IST

UP News: चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नाराजगी का असर दिखने लगा है. सीएम योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में राजस्व आयुक्त ने शुक्रवार को काम में शिथिलता बरतने पर एक चकबंदी अधिकारी, दो बंदोबस्त अधिकारी को निलंबित कर दिया है जबकि एक चकबंदी अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं अनियमितता पर दो चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है. 

बलिया, सीतापुर समेत इन जिलों के अधिकारियों पर गिरी गाज

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने चकबंदी कार्यों में शिथिलता बरतने एवं मानक के अनुसार काम न करने पर बलिया, सीतापुर के बंदोबस्त अधिकारी अनिल कुमार और सन्तोष कुमार को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिया है. इसी तरह मानक के अनुसार कार्य न करने एवं शिथिलता बरतने पर मऊ के चकबंदी अधिकारी अशफाक आलम अंसारी को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गयी है. इसी तरह तत्कालीन चकबंदी अधिकारी सम्प्रति सहायक चकबंदी अधिकारी कामता प्रसाद को सिद्धार्थनगर के ग्राम गढावर में शासकीय भूमि को क्षति पहुंचाने में दोषी पाये जाने विभागीय कार्यवाही की संस्तुति के साथ आरोप सिद्ध होने पर बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं चकबंदी अधिकारी, अलीगढ़ बृजेश कुमार शर्मा व महराजगंज ऐश मुहम्मद को चकबंदी क्रियाओं के दौरान गम्भीर अनियमितता पर दो पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है.

अब नहीं लगेगा चकबंदी के कामों में समय

अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप चकबंदी विभाग को पारदर्शी तथा जन सामान्य के प्रति उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से चकबंदी प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार के निर्देश दिये गये हैं. इसी के तहत चकबंदी प्रक्रिया को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करते हुए इसके लिए कार्यदायी संस्था को चयनित तथा कम समय में पूरी पारदर्शिता और जन सहभागीदारी के साथ चकबंदी कार्य पूरे करने को कहा गया है ताकि वर्तमान में चकबंदी में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया को सहज, सरल व प्रक्रिया को न्यूनतम कर इसकी कमियों को दूर किया जा सके.

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साथ ही चकबंदी कार्यों में व्याप्त व्यापक त्रुटियों/कमियों को तकनीकी सहायता के माध्यम से दूर कर सभी आकड़ों एवं भू-चित्र को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए. ऐसे में चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने सभी कामों के लिए नवीनतम तकनीक जैसे एआई/एमएल/ब्लाॅक चेन/ड्रोन रोवर आधारित सर्वेक्षण के आधार पर ई टेंडर जारी किए जाएंगे. इसी के आधार पर टेस्टिंग के रूप में एक-एक ग्राम आवंटित किया जाएगा. इससे चकबंदी प्रक्रिया में लगने वाला समय तीन से पांच वर्ष से घट कर एक से डेढ़ वर्ष हो जाएगा.

इससे पहले कई चकबंदी अधिकारियों पर हुई थी कार्रवाई

इससे पहले सीएम योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में बड़े स्तर पर आधा दर्जन जिलों के चकबंदी अधिकारी से लेकर लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. चकबंदी आयुक्त ने सीएम योगी के निर्देश के बाद कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी समेत 6 लोगों को निलंबित कर दिया था, जबकि कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया गया था. इनमें निलंबन से लेकर एफआईआर और यहां तक कि नौकरी से बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की गई है.

 

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