Potato Farmers: यूपी में आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए एडवाइजरी जारी, सर्दियों के मौसम में ऐसे करें बचाव

Potato Farmers: यूपी में आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए एडवाइजरी जारी, सर्दियों के मौसम में ऐसे करें बचाव

उप निदेशक कृषि ने आगे बताया कि इसमें निचली पत्तियों पर रिंग जैसे गोलाकार धब्बे बनते हैं. इसके कारण अंदर में सेन्ट्रिक रिंग बना होता है. पत्ती पीली पड़कर सूख जाती है.

उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है.उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है.
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jan 21, 2024,
  • Updated Jan 21, 2024, 11:02 AM IST

Potato Farmers of UP: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. वहीं कड़ाके की ठंड बढ़ने के साथ ही कोहरा किसानों के लिए एक नई मुसीबत बन गई है. ऐसे में केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ (ICAR) ने आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि किसान अपनी फसलों को कैसे बचा सकते हैं. साधारण उपाय में बताया जाता है कि पाले से बचाव के लिए किसान फसलों में सिंचाई करें. किसान चाहें तो फसलों के आसपास धुआं कर सकते हैं. 

सब्जी की खेती की है तो मेढ़ पर पर्दा या टाटी लगाकर हवा के असर को कम किया जा सकता है. इसके अलावा कृषि विभाग की ओर जारी दवाओं की लिस्ट देखकर किसान फसलों पर छिड़काव कर उसे बचा सकते हैं. इस फसल से गेहूं को नुकसान नहीं है, लेकिन सब्जियों की फसल चौपट हो सकती है. इसलिए किसान समय रहते इसका उपाय कर लें.

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ ने जारी की एडवाइजरी

मामले में मेरठ के उप निदेशक कृषि निलेश चौरसिया ने किसान तक से खास बातचीत में बताया कि आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. झुलसा रोग फाइटोथोड़ा इंफेस्टेस नामक फंगस के कारण होता है. तापमान के 10 से 15 डिग्री सेल्सियस रहने पर आलू में पिछात झुलसा रोग होता है. रोग का संक्रमण रहने पर व बारिश होते ही यह कम समय में फसल को नष्ट कर देता है. रोग से आलू की पत्तियां किनारे से सूखती है. किसान दो सप्ताह के अंतराल पर मैकोजेब 75 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण, दो किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.

आलू की खेती में इस घोल का करें छीड़काव

उन्होंने बताया कि संक्रमित फसल में मैकोजेब 63 प्रतिशत व मेटालैक्सल 8 प्रतिशत या कार्बेन्डाजिम व मैकोनेच संयुक्त उत्पाद का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर में 200 से 250 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. वहीं तापमान 10 डिग्री से नीचे होने पर किसान रिडोमिल 4 प्रतिशत एमआई का प्रयोग कर सकते हैं. अगात झुलसा रोग अल्टरनेरिया सोलेनाई नामक फफूंद के कारण होता है. 

उप निदेशक कृषि ने आगे बताया कि इसमें निचली पत्तियों पर रिंग जैसे गोलाकार धब्बे बनते हैं. इसके कारण अंदर में सेन्ट्रिक रिंग बना होता है. पत्ती पीली पड़कर सूख जाती है. यह रोग देर से लगता है और रोग का लक्षण दिखाई देने पर जिनेब 75 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण दो किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या मैकोजेब 75 प्रतिशत घुलनशील पूर्ण दो किलोग्राम प्रति हेक्टेयर अथवा कॉपर ऑक्सीक्लोराईड 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं.

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