MSP पर गेहूं खरीद में रिकॉर्डतोड़ उछाल, सरकार का लक्ष्य अब मुट्ठी में!

MSP पर गेहूं खरीद में रिकॉर्डतोड़ उछाल, सरकार का लक्ष्य अब मुट्ठी में!

इस वर्ष भारत में गेहूं की सरकारी खरीद में रिकॉर्डतोड़ 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कुल खरीद 223.6 लाख टन तक पहुंच गई है. मजबूत MSP और अनुकूल मौसम के कारण किसान सरकारी एजेंसियों को गेहूं बेचने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं. इस तेजी से सरकार 310 लाख टन के अपने खरीद लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच गई है. पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने खरीद में अहम योगदान दिया है.

किसानों को गेहूं का बढ़ा हुआ MSP मिलेगा.किसानों को गेहूं का बढ़ा हुआ MSP मिलेगा.
क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • Apr 28, 2025,
  • Updated Apr 28, 2025, 5:33 PM IST

इस साल भारत में गेहूं की सरकारी खरीद में अप्रत्याशित 34 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कुल खरीद का आंकड़ा 223.6 लाख टन तक पहुंच गया है. सरकार द्वारा निर्धारित 310 लाख टन के लक्ष्य को देखते हुए, वर्तमान गति इंगित करती है कि यह उपलब्धि जल्द ही प्राप्त कर ली जाएगी. फाइनेंसियल एक्सप्रेस के अनुसार, इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे कई अहम कारक हैं. किसानों को उनकी उपज के लिए आकर्षक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त हो रहा है, और कुछ राज्यों द्वारा अतिरिक्त बोनस का प्रावधान भी किया गया है. इसके अतिरिक्त, इस साल की बेहतर फसल ने किसानों को सरकारी एजेंसियों को अपनी फसल बेचने के लिए प्रोत्साहित किया है.

भारतीय खाद्य निगम (FCI) और विभिन्न राज्य सरकारी एजेंसियों ने मिलकर प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों से अब तक 223.6 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद की है. यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में एक महत्वपूर्ण उछाल दर्शाता है. इस मजबूत खरीद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए अनाज का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित होगा, साथ ही सरकार को ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करने और कीमतों को स्थिर रखने की क्षमता मिलेगी.

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वर्तमान विपणन सीजन (अप्रैल-जून 2024) में मंडियों में गेहूं की आवक 297 लाख टन से अधिक रही है, जिसमें से लगभग 84 परसेंट सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है. यह पिछले साल की इसी अवधि में हुई 266 लाख टन की कुल खरीद से काफी अधिक है. यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले तीन सालों में, MSP पर गेहूं की सरकारी खरीद अपने निर्धारित लक्ष्यों से कम रही थी.

पंजाब, मध्य प्रदेश में सरकारी खरीद में भारी उछाल 

पंजाब में इस सीजन में अब तक 83.8 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जो पिछले साल के 68.5 लाख टन से उल्लेखनीय रूप से अधिक है. हरियाणा में राज्य ने 61.9 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 57.2 लाख टन था. मध्य प्रदेश ने अपने खरीद लक्ष्य को बढ़ाकर 70 लाख टन कर दिया है और पहले ही 61.4 लाख टन गेहूं खरीद चुका है. उत्तर प्रदेश में 30 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले, इस साल खरीद अपेक्षाकृत धीमी रही है और केवल 6.4 लाख टन गेहूं ही खरीदा जा सका है.

हालांकि, राज्य से निजी व्यापारियों द्वारा अनाज की आवाजाही के लिए रेक की आपूर्ति पर कुछ अनौपचारिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. सरकार ने इस सीजन में मुख्य रूप से पंजाब 124 लाख टन), हरियाणा 75 लाख टन), मध्य प्रदेश (70 लाख टन), उत्तर प्रदेश (30 लाख टन), राजस्थान (2 लाख टन) और गुजरात (1 लाख टन) से MSP पर गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था.

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मंडियों में गेहूं की मिल रही बेहतर कीमत

गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में वर्तमान औसत मंडी कीमतें इस प्रकार हैं: पंजाब में 2427 प्रति क्विंटल जबकि मध्य प्रदेश में 2494 रुपये प्रति क्विंटल राजस्थान में 2473 रुपये प्रति क्विंटल हरियाणा में 2426 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है. गेहूं प्रसंस्करण उद्योग ने इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन लगभग 1110 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल के 1060 लाख टन के उत्पादन से अधिक है. कृषि मंत्रालय ने 2024-25 फसल साल (जुलाई-जून) के दौरान 1153 लाख टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले साल की तुलना में 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्शाता है. इस साल गेहूं का बुवाई क्षेत्र भी बढ़कर 320 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल के 315.6 लाख हेक्टेयर और पिछले पांच सालों के औसत बुवाई क्षेत्र से अधिक है. 

 

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