गेहूं के स्टॉक को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जमाखोरों और सट्टेबाजों पर कसेगी नकेल

गेहूं के स्टॉक को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जमाखोरों और सट्टेबाजों पर कसेगी नकेल

Wheat Stock Declaration: केंद्र सरकार ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और प्रोसेस‍िंग करने वालों को 1 अप्रैल से अपने स्टॉक की स्थ‍िति घोष‍ित करने को कहा है. हर शुक्रवार को ऐसा करना अन‍िवार्य है. आर्ट‍िफ‍िश‍ियल तरीके से बढ़ी गेहूं की कीमतों पर लगेगी लगाम. चावल के स्टॉक की जानकारी भी देनी होगी. 

हर शुक्रवार को देनी होगी गेहूं के स्टॉक की जानकारी.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Mar 29, 2024,
  • Updated Mar 29, 2024, 5:24 PM IST

गेहूं और आटा की महंगाई को रोकने के ल‍िए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला ल‍िया है. इसके तहत 1 अप्रैल, 2024 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी कंपन‍ियों की चेन के खुदरा विक्रेताओं व प्रोसेस‍िंग करने वालों को अपने स्टॉक की स्थ‍िति घोष‍ित करने को कहा है. इस काम को अन‍िवार्य क‍िया गया है. सरकार का मानना है क‍ि इससे गेहूं की जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने में मदद म‍िलेगी. इन सभी को पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wheat/login) पर अगले आदेश तक हर शुक्रवार को गेहूं की अपनी स्टॉक की स्थिति घोषित करनी होगी. साथ ही, इससे जुड़ी सभी संस्थाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि पोर्टल पर स्टॉक की नियमित और उचित रूप से जानकारी प्रदान की जाए. 

देश में एमएसपी पर क‍िसानों से गेहूं खरीद शुरू होने के साथ ही व्यापार‍ियों और प्रोसेसर्स पर इस तरह की नकेल से महंगाई कम करने में मदद म‍िलेगी. इस वक्त भी देश के कई शहरों और मंड‍ियों में गेहूं का दाम एमएसपी से ज्यादा है. ऐसे में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है क‍ि कहीं न कहीं कुछ लोग जमाखोरी कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है क‍ि सरकार के इस फैसले से ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी के बराबर आएगा या कम होगा. ऐसा हुआ तो सरकार बफर स्टॉक के ल‍िए पर्याप्त गेहूं खरीद पाएगी. 

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क्यों कम नहीं हो रहा गेहूं का दाम 

दरअसल, प‍िछले दो साल से सरकार खरीद का जो लक्ष्य रख रही है उतना गेहूं नहीं खरीद पा रही है. क्योंक‍ि ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी से ज्यादा रह रहा है. सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है, ऐसे में गेहूं की पर्याप्त खरीद जरूरी है. लेक‍िन ज‍िस तरह का रेट चल रहा है, ऐसे में नहीं लग रहा है क‍ि सरकार इस साल भी बफर स्टॉक के ल‍िए खरीद का लक्ष्य पूरा कर पाएगी. गेहूं का दाम ज्यादा रहने के पीछे कहीं न कहीं जमाखोर ज‍िम्मेदार हैं. इसल‍िए अब सरकार 1 अप्रैल से इसके कारोबार से जुड़े सभी पक्षों से हर हप्ते स्टॉक की जानकारी मांग रही है.

चावल स्टॉक की भी न‍िगरानी 

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है क‍ि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सभी श्रेणियों की संस्थाओं के लिए गेहूं स्टॉक की समय सीमा 31.03.2024 को समाप्त हो रही है. इसके बाद संस्थाओं को पोर्टल पर गेहूं स्टॉक की जानकारी देनी होगी. वहीं, सभी श्रेणियों की संस्थाओं की ओर से चावल स्टॉक की घोषणा करने से संबंधित निर्देश पहले से ही लागू है. 

कोई भी संस्था जो पोर्टल पर रज‍िस्टर्ड नहीं है, वह खुद को रज‍िस्टर्ड कर सकती है और प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं व चावल के स्टॉक की जानकारी प्रदान करना शुरू कर सकती है. अब सभी वैधानिक संस्थाओं को नियमित रूप से पोर्टल पर अपने गेहूं और चावल के स्टॉक की घोषणा करनी होगी. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में कीमतों को नियंत्रित करने और सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं व चावल की स्टॉक स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहा है. 

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