हरियाणा में इस साल बाजरे की फसल अमेरिकन बॉलवर्म (अमेरिकन सुंडी) का शिकार हो गई है. सूबे में 11,89,214 एकड़ में बाजारा बोया गया था जिसमें से 3,02,344 एकड़ बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. राज्य के छह जिलों महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, भिवानी, झज्जर और गुरुग्राम में सबसे ज्यादा नुकसान की खबर है. ऐसे में अब किसान मुआवजा मांग रहे हैं. सरकार मुआवजा देने के लिए तैयार भी हो गई है, लेकिन मुआवजा कैसे मिलेगा और कितना मिलेगा इससे जानना बहुत जरूरी है. सरकार ने मुआवजा देने के लिए नुकसान की तीन कैटेगरी बना दी है. उसी के आधार पर किसानों को 7000 से 12500 रुपये प्रति एकड़ तक का मुआवजा मिलेगा. हालांकि, मुआवजे के लिए कंडीशन लगा दी गई है.
राज्य के कृषि विभाग के मुताबिक बाजरे की फसल को नुकसान चाहे कीटों के हमले से हुआ हो या बाढ़ के कारण, सरकार मुआवजा देगी. एसडीआरएफ मुआवजा मानदंड (प्रति किसान 2 हेक्टेयर की सीमा के अधीन) के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर फसल में नुकसान की सीमा 25 से 50 प्रतिशत है तो 7000 रुपये प्रति एकड़, 50 से 75 प्रतिशत नुकसान में 9000 रुपये प्रति एकड़ और 75 व इससे अधिक प्रतिशत नुकसान होने पर फसल की मुआवजा राशि 12,500 रुपये प्रति एकड़ हो जाएगी. बता दें कि अमेरिकन सुंडी का अटैक आमतौर पर कपास, टमाटर और चने की फसलों पर होता रहा है. लेकिन पहली बार यह बाजरा की फसल भी इससे प्रभावित हुई है.
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दुष्यंत चौटाला ने बताया कि बारिश आधारित क्षेत्रों में प्रभावित किसानों को न्यूनतम सहायता कम से कम 1,000 रुपये प्रति किसान और सिंचित क्षेत्रों के लिए 2,000 रुपये प्रति किसान दी जाएगी. जबकि 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन वाले किसानों को कोई न्यूनतम सहायता प्रदान नहीं की जाएगी. इसके अलावा, बीमा योजना के तहत फसल मुआवजा पाने वाला क्षेत्र एसडीआरएफ के तहत मुआवजे के लिए पात्र नहीं होगा. इसका मतलब साफ है कि सरकार सिर्फ उन प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी जो छोटी कृषि जोत के हैं.
प्रभावित किसान नुकसान का दावा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (https://eskhipurti.harana.gov.in/) पर कर सकते हैं. आपके दावों का सरकार वेरिफिकेशन करवाएगी. उसके बाद मुआवजा दिया जाएगा. कीट हमले के बाद क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मुआवजे के लिए 19 जिलों अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, पानीपत, रेवाडी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर के 56,366 किसानों ने दावा किया है. जिसमें 2,00,566 एकड़ क्षेत्र के लिए बाजरे की फसल के नुकसान की जानकारी अपलोड की गई है. यानी अभी सभी प्रभावित किसानों ने क्लेम नहीं किया है.
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