अमेरिकी बीमारी लगने से पंजाब में शिमला मिर्च की पूरी फसल चौपट, किसान सड़कों पर फेंक रहे उपज

अमेरिकी बीमारी लगने से पंजाब में शिमला मिर्च की पूरी फसल चौपट, किसान सड़कों पर फेंक रहे उपज

किसान नेता राम सिंह भैणीबाघा ने कहा कि अमेरिकन सुंडी के हमले से हरी मिर्च अंदर से खोखली होकर गिर जाती है. उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग ने इस समस्या का समाधान करने के बजाय दूरी बनाए रखने को तरजीह दी.

शिमला मिर्च की फसल में लगी नई रोग. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 30, 2024,
  • Updated Apr 30, 2024, 5:01 PM IST

पंजाब के मनसा जिले में शिमला मिर्च की फसल को 'अमेरिकी सुंडी' नामक कीट से बहुत नुकसान पहुंचा है. इससे शिमला मिर्च की क्वालिटी प्रभावित हुई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में किसानों के लिए लागत निकालना मुश्किल हो गया है. वहीं, कई किसानों ने क्वालिटी प्रभावित शिमला मिर्च को सड़कों पर फेंकना शुरू दर दिया है. वहीं, कई किसान पूरी फसल के ऊपर ट्रैक्टर चला रहे हैं, ताकि दूसरी फसलों की खेती की जा सके.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मानसा जिले के भैणी बाघा गांव में किसान बड़े स्तर पर शिमला मिर्च की खेती करते हैं. पिछले साल कम कीमत की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस साल पूरी फसल अमेरिकी सुंडी के हमले की चपेट में आ गई है. इससे शिमला मिर्च की गुणवता तो प्रभावित हुई ही है, साथ ही में उत्पादन भी बहुत गिर गया है. अब नाराज किसानों ने बठिंडा-मानसा रोड पर शिमला मिर्च को फेंक दिया और उस पर ट्रैक्टर चला दिया.

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250 एकड़ में शिमला मिर्च की खेती

भैणी बाघा गांव में इस बार किसानों ने करीब 250 एकड़ में शिमला मिर्च की खेती की है, जो पिछले साल 400 एकड़ थी. मार्च में शुरू होने वाले सीज़न के दौरान, हिमाचल, बिहार और कोलकाता के व्यापारी शिमला मिर्च खरीदने के लिए भैनी बाघा गांव पहुंचते हैं. सीजन के दौरान थोक में 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाली फसल इस समय 5 से 6 रुपये प्रति किलो बिक रही है. एक एकड़ जमीन से हर सीजन में 200 क्विंटल शिमला मिर्च की पैदावार होती है. किसानों का दावा है कि यह उनके लिए दोहरा झटका है.

अमेरिकन बॉलवर्म का फसल पर हमला

गांव के किसान जसपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने 10 एकड़ में शिमला मिर्च की खेती की थी, लेकिन अमेरिकन बॉलवर्म के हमले ने सब बर्बाद कर दिया है. किसान ने कहा कि पिछले महीने जब उन्होंने अमेरिकन बॉलवॉर्म के हमले को देखा, तो उन्होंने कीटनाशकों का छिड़काव करना शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी फसल को नहीं बचा सके.

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क्या कहते हैं किसान

किसान नेता राम सिंह भैणीबाघा ने कहा कि अमेरिकन सुंडी के हमले से हरी मिर्च अंदर से खोखली होकर गिर जाती है. उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग ने इस समस्या का समाधान करने के बजाय दूरी बनाए रखने को तरजीह दी. किसानों ने कहा कि 45,000 रुपये प्रति एकड़ बीज की लागत के अलावा, अन्य खर्चों में कीटनाशक शामिल हैं, जो शिमला मिर्च के लिए अलग हैं.

 

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