हरियाणा की मंडियों में खरीद के साथ-साथ गेहूं का उठान भी तेजी के साथ किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि फरीदाबाद और पलवल जिले में खरीदा गया लगभग 95 फीसदी गेहूं एजेंसियों द्वारा उठा लिया गया है. खास बात यह है इन दनों जिलों की मंडियों में अभी भी 1.56 लाख क्विंटल खरीदा गया गेहूं पड़ा हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर बचे हुए गेहूं का भी उठान कर लिया जाएगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों जिलों में कुल 29.20 लाख क्विंटल गेहूं की आवक और खरीद हुई है. पलवल जिले में अब तक 20.93 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फ़रीदाबाद की मंडियों ने लगभग 8 लाख क्विंटल की खरीद की थी. पलवल, बरौली, चांदहुत और औरंगाबाद मंडियों में लिफ्टिंग पूरी हो चुकी है. सबसे कम गेहूं की लिफ्टिंग 89 प्रतिशत पलवल जिले के होडल में है. फरीदाबाद जिले में करीब 37 हजार क्विंटल गेहूं का उठान होना बाकी है. जबकि आधिकारिक खरीद 1 अप्रैल को शुरू हुई थी, उठाव 12 अप्रैल को शुरू हुआ.
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एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि परिवहन और मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण उठान की खराब गति के कारण क्षेत्र की लगभग सभी मंडियों में सामान की भरमार हो गई है. पलवल आढ़ती एसोसिएशन (कमीशन एजेंट) के अध्यक्ष गौरव तेवतिया ने कहा कि अनुबंध जारी करने में देरी मुख्य बाधा रही है. मार्केट कमेटी, पलवल के सचिव मनदीप सिंह ने कहा कि 95 फीसदी गेहूं उठा लिया गया है, जबकि शेष गेहूं भी जल्द ही उठा लिए जाने की उम्मीद है.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि यमुनानगर जिले के प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. स्थानीय प्रशासन ने जिले की अनाज मंडियों से 93.89 प्रतिशत गेहूं उठा लिया है. सरकारी एजेंसियों ने 10 मई तक जिले में 2,90,051 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं खरीदा. कुल खरीदे गए गेहूं में से 2,72,328 मीट्रिक टन गेहूं उठा लिया गया है, जिससे अनाज मंडियों में 17,723 मीट्रिक टन गेहूं रह गया है. जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा 100 फीसदी गेहूं (275 मीट्रिक टन) का उठान यमुनानगर शहर की अनाज मंडी में किया गया है.
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