रबी सीजन की बुवाई के लिए खेत तैयार करने के लिए कई किसान पराली जला रहे हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पंजाब में इस सीजन पराली जलाने की घटनाएं 4 हजार के पार हो गईं हैं. बीते दिन यानी रविवार को यहां 216 घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं, पराली के मामलों को लेकर 9 अफसरों के खिलाफ केस चलाने की प्रक्रिया शुरू क दी गई है. पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर से 3 नवंबर तक राज्य में कुल 4,132 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. इनमें से बीते 6 दिनों में खेतों में आग लगाने की 1995 घटनाएं हुई हैं.
रविवार को सामने आए 216 मामलों को देखे तो यहां सबसे ज्यादा संगरूर में 59 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. वहीं फिरोजपुर में 26, मोगा और मानसा में 19-19 और तरनतारन में 18 खेतों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आईं.
पंजाब में धान की कटाई अभी भी जारी है. ऐसे में अभी और पराली जलाने की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं. वहीं, कृषि विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस भी इसे लेकर निगरानी कर रहे हैं. पराली जलाने की हालिया घटनाओं और दिवाली पर पटाखे जलाए जाने से पंजाब में स्थानीय प्रदूषण काफी बढ़ गया है. यहां कई राज्यों में AQI 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है.
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'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश न लगा पाने और लापरवाही बरतने को लेकर तीन जिलों के 9 अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाई शुरू की गई है. मोगा जिले के धर्मकोट उपमंडल के किशनपुरा कलां गांव के नोडल अधिकारी के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है. वहीं, तरनतारन में तीन असफरों के नाम चार्जशीट में जोड़े गए हैं. फिरोजपुर में एक कृषि विस्तार अधिकारी, ड्रेनेज विभाग के एक जूनियर इंजीनियर और तीन पंचायत सचिवों के खिलाफ कार्रवाई आरंभ की गई है.
मालूम हो कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है और वहां हवा की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है. हालांकि, हवा का रुख बदलने से अब प्रदूषण दिल्ली नहीं पहुंच रहा है, लेकिन यहां स्थानीय हवा में प्रदूषण काफी बढ़ गया है.
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