मध्य प्रदेश में गेहूं की एमएसपी पर जारी सरकारी खरीद की प्रक्रिया पूरी होने की तारीख नजदीक है. राज्य में 15 मार्च से गेहूं की खरीद हो रही है, जो 5 मई तक चलेगी. सरकार ने ई-उपार्जन पोर्टल पर आज 30 अप्रैल तक ही स्लॉट बुकिंग की आखिरी तारीख तय की है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे असुविधा से बचने के लिए आज समय से स्लाॅट बुक कर खरीद केंद्र पर गेहूं बेचने का टाइम स्लॉट हासिल कर लें, ताकि बाद में एमएसपी पर उपज बेचने में परेशानी न हो. सीएम डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे 5 मई तक खरीद का काम पूरा कर लें.
किसान भाई/बहन मध्य प्रदेश सरकार के खरीद पोर्टल https://mpeuparjan.mp.gov.in/ पर अपनी फसल बेचने के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं. सीएम मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश गेहूं के लिए देश का एकमात्र सबसे ज्यादा कीमत देने वाला राज्य बन गया है. यहां 2425 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के अलावा किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी दिया जा रहा है यानी 2600 रुपये प्रति क्विंटल. अन्य किसी राज्य में किसानों को गेहूं का इतना भाव नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि गेहूं उत्पादन और उपार्जन के मामले में हम पंजाब और हरियाणा जैसे खाद्यान्न उत्पादक राज्यों से भी आगे हैं.
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के मुताबिक, 20 जनवरी से 9 अप्रैल तक सरकारी केंद्रों पर फसल बिक्री के लिए किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल खुला था. इस दौरान राज्य के 15.33 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया. मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 3,528 उपार्जन यानी खरीद केंद्र बनाए गए हैं.
इन खरीद केंद्रों पर किसानों को गर्मी से बचाने के लिए उचित व्यवस्थाएं की गई हैं. खरीदी केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए टेंट, बैठने की व्यवस्था, पानी, पंखे, तौल मशीन और कंप्यूटर जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. गेहूं की साफ-सफाई के लिए क्लीनिंग मशीन भी इस्तेमाल की जा रही हैं.
बता दें कि इन दिनों प्रदेश की ज्यादातर मंडियों में गेहूं की बंपर आवक बनी हुई है. किसान 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के च लते सरकारी एजेंसियों को गेहूं बेचने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने ज्यादा पैदावार के चलते इस सीजन मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद का लक्ष्य 1 मिलियन टन बढ़ाकर 7 मिलियन टन कर दिया है, जबकि देश का कुल गेहूं खरीद का टारगेट संशोधन के बाद 32.27 मिलियन टन हो गया है. अन्य राज्यों के खरीद कोटे में कोई बदलाव नहीं किया गया है.