झारखंड में मॉनसून के प्रवेश कर गया है. इसके साथ ही राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश हो रही है. कई जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है. भारी बारिश की संभावना को देखते हुए राज्य के किसानों को लिए सलाह भी जारी किया गया है, ताकि राज्य के किसान भाई मॉनसून की पहली बारिश का खेती में सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें. मौसम आधारित पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया गया है कि अगर राज्य तेज बारिश होती है तो इसका प्रभाव क्या होगा और इसके प्रभाव से बचने के लिए किसान कौन-कौन से उपाय अपना सकते हैं.
फल और सब्जियों के लिए जारी किये गए सलाह में कहा गया है कि अधिक वर्षा के कारण सब्जी की नर्सरी में जल जमाव हो सकता है, इससे सब्जियों में सड़न हो सकता है. इतना ही नहीं जल जमाव के कारण फल झड़ सकते हैं या फलों में दाग भी लग सकता है. टमाटर के पौधे में अगर फूल और फल लगे हैं तो भारी बारिश के कारण यह झड़ सकते हैं. इन समस्याओं से बचाव के लिए सुझाव देते हुए कहा गया है कि किसान भाई अपने खेत में बेहतर जल निकासी की व्यवस्था करें. परिपक्व फल और सब्जियों की तुड़ाई कर लें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख दें. ख़ड़ी फसल में रोग के प्रसार को रोकने के लिए गिरे हुए फलों को हटा दें. दवा या कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए मौसम साफ होने का इंतजार करें.
धान खरीफ की प्रमुख फसल मानी जाती है. इसके लिए बारिश बेहद अहम माना जाता है. पर इसकी नर्सरी में भी जल-जमाव होने पर बिचड़े में सड़न हो सकती है. किसानों से कहा गया है कि इससे बचाव के लिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था बनाकर रखें. साथ ही बिचड़ों को रोग से बचाव के लिए फसल की निगरानी करते रहें. दलहनी और तिलहनी फसल जो इस वक्त बोई हुई है उसमें जलजमाव होने पर बीजों में सड़न हो सकती है. इसलिए खेत में जल निकासी का पूरा ख्याल रखें.
बरसात की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे समय में पशुओं का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. क्योंकि शुरुआती बारिश में भींगने पर मवेशी बीमार पड़ सकते हैं. पेड़ के नीचे बांधने पर वज्रपात का खतरा हो सकता है. बाऱिश होने के बाद पानी का बहाव होता है इससे बीमारियां भी आती है. इससे मवेशियों को बचाने के लिए उन्हें खुला नहीं छोड़े. मौसम की स्थित देखकर ही उन्हें बाहर निकाले और उनके घरों को अच्छी तरह से ढंक दें.