हरियाणा में पराली जलाने पर 418 किसानों के खिलाफ रेड एंट्री दर्ज, 192 के खिलाफ FIR

हरियाणा में पराली जलाने पर 418 किसानों के खिलाफ रेड एंट्री दर्ज, 192 के खिलाफ FIR

हरि‍याणा में पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है. यहां नियमों का उल्‍लंघन करने वाले 418 किसानों के खिलाफ फसल पोर्टल पर रेड एंट्री दर्ज की गई है, जबकि‍ 192 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, 26 सरकारी कर्मचारियों को भी निलंबित किया गया है.

पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई. (फाइल फोटो)पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई. (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 29, 2024,
  • Updated Oct 29, 2024, 2:19 PM IST

हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. एफआईआर, जुर्माना, फसल पोर्टल पर रेड एंट्री जैसी कार्रवाई के बाद भी कई जगहों पर घटनाएं रुक नहीं रही हैं. इसी क्रम में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने राज्‍य में पराली जलाने वाले 418 किसानों के खिलाफ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की हैं. रेड एंट्री होने से ये किसान दो सीजन तक राज्य की अनाज मंडियों में एमएसपी पर अनाज नहीं बेच सकेंगे. विभाग के संयुक्त निदेशक जगमिंदर सिंह नैन ने कहा, ''नियमों का उल्लंघन करने वाले 418 किसानों के रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की गईं हैं. इनमें से 192 किसानों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है और कुल 8.45 लाख रुपये के चालान बनाए गए हैं.'' 

इन जगहों पर लगाया गया जुर्माना

'दि ट्र‍िब्‍यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, कैथल में 63 किसानों पर 1.60 लाख रुपये, कुरुक्षेत्र में 60 किसानों पर 1.5 लाख रुपये, करनाल में 41 किसानों पर 1.12 लाख रुपये, अंबाला में 46 किसानों पर 1.05 लाख रुपये, फतेहाबाद में 22 किसानों पर 55,000 रुपये, हिसार में नौ किसानों पर 22,500 रुपये, जींद में 39 किसानों पर 95,000 रुपये, पंचकूला में पांच किसानों पर 12,500 रुपये, पानीपत में आठ किसानों पर 20,000 रुपये, सिरसा में पांच किसानों पर 12,500 रुपये और यमुनानगर में 10 किसानों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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वहीं, पराली जलाने की घटनाएं न रोक पाने वाले सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई है. विभाग की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत 26 कर्मचारियों को सस्‍पेंड किया गया है. इनमें से कुरुक्षेत्र जिले के कृषि, पंचायती राज और पुलिस विभाग के 19 कर्मियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मांगी गई है.

पराली जलाने के कहां कितने मामले 

  1. कैथल - 137
  2. कुरुक्षेत्र - 109 
  3. अंबाला - 77 
  4. करनाल - 75 
  5. जींद - 53 
  6. फतेहाबाद - 43 
  7. सोनीपत - 41 
  8. फरीदाबाद - 35 
  9. यमुनानगर - 30 
  10. पानीपत - 29 
  11. पलवल - 29 
  12. हिसार - 20
  13. सिरसा- 20 
  14. पंचकूला - 14 
  15. रोहतक - 11 
  16. झज्जर -3 

रोहतक में AIKS ने सौंपा ज्ञापन

हरियाणा और पंजाब में कई किसान संगठन पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ एफआईआर, जुर्माना और अन्‍य प्रकार की र्कारवाई का विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में रोहतक में अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) की हरियाणा राज्य समिति के सदस्यों ने डिप्‍टी कमिश्‍नर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में पराली जलाने वालों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने, पराली प्रबंधन पर आर्थ‍िक सहायता में बढ़ोतरी, डीएपी की आपूर्ति, बिक्री केंद्रों पर स्टॉक बोर्ड लगाने, उपज की समय पर खरीद जैसे मांगे शामिल हैं.

मालूम हो कि राज्‍य में पराली जलाने से स्‍थानीय स्‍तर पर तो प्रदूषण बढ़ ही रहा है. सा‍थ ही राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में भी हवा खराब हो रही है. दिल्‍ली में पिछले दो दिनों से एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 300 पार दर्ज किया जा रहा है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश न लगाने पर पंजाब और हरियाणा सरकार की आलोचना की थी. साथ ही उनकी कोशि‍शों को नाकाफी बताया था. बता दें कि राज्‍य सरकार पराली प्रबंधन के लिए प्रति हेक्‍टेयर 1000 रुपये की सहायता करती है. 

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