Banana Farming: विदेशों में बढ़ी बिहार के केले की मांग, इन 12 जिलों में हो रही बंपर खेती

Banana Farming: विदेशों में बढ़ी बिहार के केले की मांग, इन 12 जिलों में हो रही बंपर खेती

बिहार में पांच साल के दौरान केले की खेती का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है. बिहार में पहली बार मंथ-वन क्रॉप के तहत केला प्रदर्शनी-सह-परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि अगले साल साठ हजार हेक्टेयर में केले की खेती का विस्तार किया जाएगा. 

बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल. फोटो-किसान तक बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल. फोटो-किसान तक
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Oct 07, 2023,
  • Updated Oct 07, 2023, 11:46 AM IST

बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी की अहम भूमिका है. जहां राज्य के लाखों किसान बागवानी से जुड़कर आर्थिक पक्ष के साथ सामाजिक स्तर पर अपने जीवन में बदलाव ला रहे हैं. वहीं पिछले कुछ साल में केले की खेती सूबे में बड़े पैमाने पर की जा रही है. इसका परिणाम रहा है कि केले की खेती में बिहार अग्रणी राज्य में शामिल हो चुका है. वहीं कृषि विभाग के द्वारा केले के क्षेत्र में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए, इसके लिए पहली बार वन मंथ-वन क्रॉप के तहत केला प्रदर्शनी-सह-परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन पटना के कृषि भवन में किया गया.

इस कार्यक्रम के दौरान विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों से खेती में आ रही परेशानियों को लेकर उनकी राय जानी. उन्होंने अधिकारियों और वैज्ञानिकों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की समस्या को वैज्ञानिक उनके खेत तक पहुंच कर हल करें. कागजों में खेती और एक ही किसान और एक ही खेत को बराबर-बराबर दिखाना अधिकारी बंद करें. ऐसा नहीं चलेगा. विगत पांच वर्षों में केले के क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी हुई है. इसको लेकर और अच्छा काम करने की ज़रूरत है.  

बिहार में केले का उत्पादन प्रति साल लगभग 19 लाख मीट्रिक टन है. इसका क्षेत्रफल लगभग 43 हजार हेक्टेयर है. वहीं केले के उत्पादन में बिहार का योगदान पूरे देश में 06 प्रतिशत है. 

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मई-जून से मिलने लगेगा केले का पौधा

कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि किसानों की शिकायत है कि सही समय पर केले का पौधा नहीं मिलने से खेती काफी प्रभावित हो जाती है. इसको देखते हुए विभाग अगले वर्ष से किसानों को मई-जून महीने में ही केले के टिश्यू कल्चर वाले पौधे उपलब्ध कराएगा. इस क्रम में अल्पान, चीनिया और मालभोग केले के भी टिश्यू कल्चर उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि किसान समय से खेती कर सकें. वहीं उन्होंने पौधा संरक्षण के पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बुधवार और बृहस्पतिवार को अधिकारी क्षेत्र में जाकर फसलों में लगे कीट-रोग पर नियंत्रण के लिए किसानों को सुझाव देंगे. इसके साथ अगले वर्ष केले की खेती 45 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 60 हजार हेक्टेयर तक करने की बात कही. 

विदेशों में बिहार के केले की बढ़ी मांग 

राज्य के 12 जिलों में केले की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. जिनमें वैशाली, सारण, समस्तीपुर, कटिहार, मधेपुरा, खगड़िया, पूर्णिया, भागलपुर, गोपालगंज, किशनगंज, पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण जिला शामिल हैं. वहीं अन्य जिलों में भी केले की खेती का धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है. वहीं हाल के समय में राज्य का केला यूएई, सऊदी अरब, ओमान, बहरीन, कतर और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भेजा जा रहा है.

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किसानों की शिकायतों का निपटारा 

किसानों से चर्चा के दौरान अधिकारी और पदाधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही खेत को कई बार दिखाना कृषि अधिकारियों को बंद करना होगा. वरना वैसे अधिकारियों और पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. सरकार की योजनाएं कागजों से जमीन तक लाने की जरूरत है. बिहार की समृद्धि का रास्ता कृषि से होकर गुजरता है. इसके लिए कृषि से जुड़ी योजनाएं और खेती के दौरान होने वाली परेशानियों को कृषि वैज्ञानिक और अधिकारियों को मिलकर खत्म करने की जरूरत है. 

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