उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गाय द्वारा ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट का उद्घाटन किया गया है. देसी गिर नस्ल की गाय जब लखनऊ के लुलु मॉल के नजदीक खुले शहर के पहले ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट का उद्घाटन करने पहुंची तो लोग देखकर दंग रह गए क्योंकि ऐसा नजारा पहले किसी ने नहीं देखा था. रेस्टोरेंट के संचालक और पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने किसान तक को बताया कि गाय हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है और कृषि का भी अंग मानी जाती है. बता दें कि अभी तक गौ संरक्षण और बैलों से बिजली पैदा करके पहचान बनाने वाले पूर्व डिप्टी एसपी ने अब अपना ऑर्गेनिक ओएसिस रेस्टोरेंट भी शुरू किया औऱ इसके उद्घाटन के लिए उन्होंने किसी मंत्री या अधिकारी को नहीं बल्कि गाय को ही चुना. उन्होंने बताया उनके इस रेस्टोरेंट में मेहमानों को परोसे जाने वाला खाना पूर्णतया ऑर्गेनिक होगा. उनके अपने खेतों और किसान के ऑर्गेनिक उपज का प्रयोग इस रेस्टोरेंट में किया जायेगा जिससे किसानों को भी फायदा होगा.
पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह गौ आधारित प्राकृतिक खेती पिछले एक दशक से कर रहे हैं. लखनऊ की जेल रोड पर उन्होंने देसी नस्ल की गिर और साहिवाल गाय की गौशाला भी स्थापित की है. उनकी गौशाला से पैदा होने वाले डेयरी उत्पाद के साथ-साथ गोबर और गोमूत्र के माध्यम से प्राकृतिक खेती भी वे करते हैं. शैलेंद्र सिंह ने किसान तक को बताया कि उनकी डेरी का दूध लेने वाले ग्राहक ही उनके खेतों में पैदा होने वाले ऑर्गेनिक फसल उत्पाद भी खरीदते हैं. ग्राहकों के द्वारा सुझाए गए विचार को आधार प्रदान करते हुए लखनऊ का पहला ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट खोला हैं. उनके रेस्टोरेंट में खाना स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पौष्टिक भी मिलेगा. इसीलिए अपने रेस्टोरेंट का नाम ऑर्गेनिक ओएसिस रखा है. वहीं उन्होंने इस रेस्टोरेंट का उद्घाटन किसी मंत्री या किसी बड़े अधिकारी से नहीं बल्कि अपनी गौशाला की गिर गाय से करवाया. उन्होंने बताया कि उनके इस रेस्टोरेंट से किसानों को भी बड़ा फायदा होगा. किसानों के पैदा किए गए ऑर्गेनिक ढंग से अनाज को अपने रेस्टोरेंट में प्रयोग करेंगे.
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पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के द्वारा निराश्रित बैलों के माध्यम से बिजली पैदा करने का काम कर रहे हैं. नंदी रथ पर बैल कदम-ताल करते हुए चलते हैं तो इससे बिजली पैदा होती है जिसका उपयोग गौशाला और फार्म हाउस में होता है. नंदी रथ के माध्यम से पैदा हो रही ग्रीन एनर्जी को विदेशों में भी सराहा गया है. वही अपने फार्म हाउस में ही शैलेंद्र सिंह बैलों के माध्यम से ही लो आरपीएम पर आटा और कोल्ड प्रेस सरसों का तेल निकालने का भी काम कर रहे हैं.