शहरों में बिना किसी रोक-टोक के कहीं से भी पशु खरीदकर पशुपालन करने के दिन जल्द ही जाने वाले हैं. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर से जल्द ही इसकी शुरूआत होने वाली है. गोरखपुर शहर में जल्द ही गाय-भैंस पालने के लिए लाइसेंस लेना होगा, जिसके लिए प्रति पशु सालाना फीस देनी होगी. नगर निगम इसकी पूरी तैयारी कर चुका है. पशुपालकों को इसके लिए आवेदन कर लाइसेंस बनवाना पड़ेगा.
नगर निगम की पांचवी मीटिग में इस प्रपोजल को मंजूरी दे दी गई थी. शासन को प्रयागराज से गजट नोटिफिकेशन कराने के लिए जनवरी में नगर निगम द्वारा पारित प्रस्ताव भेजा गया था. हालांकि, अभी तक यह गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं हो सका है. वहीं, नगर निगम को उम्मीद है कि जल्द ही यह जारी हो जाएगा, जिसके बाद नियम लागू हो जाएंगे.
नियमावली के मुताबिक, दो या दो से ज्यादा गाय और भैंस पालने वाले पशुपालक को वार्षिक लाइसेंस लेना होगा, जिसकी अवधि एक अप्रैल से वित्तीय वर्ष तक के लिए होगी यानी अगले वर्ष 31 मार्च तक. नियमावली के पालन लिए नगर आयुक्त, लाइसेंस अधिकारी और निरीक्षण अधिकारी की नियुक्ति करेंगे. पशुपालकों को नगर निगम से प्रति पशु वार्षिक शुल्क पर लाइसेंस लेना होगा. गाय के लिए 500 रुपये और भैंस के लिए 1000 रुपये लाइसेंस शुल्क के रूप में देना होगा.
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बता दें कि यह लाइसेंस एक साल के लिए मान्य होगा, जिसे हर साल रिन्यू कराना होगा. वहीं, अवैध डेयरी पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा. लाइसेंस हासिल करने के लिए पशुपालक को पशुओं को साफ-सुथरी जगह पर रखना होगा. अधिकारी निरीक्षण के बाद लाइसेंस जारी करेंगे.
प्रत्येक पशु के लिए 8 वर्ग मीटर की हवादार जगह, ठंडी, धूप और वर्षा से बचाने और उनके आहार के लिए उचित व्यवस्था देखी जाएगी. वहीं, गोबर और अन्य अपशिष्ट, को पशुस्थल से सात मीटर दूर रखना होगा. साथ ही डेयरी का फर्श पक्का होना चाहिए.
अगर कोई पशुपालक अप्रैल के महीने में लाइसेंस नहीं लेता है तो उसे लाइसेंस शुल्क के अलावा पहले महीने के लिए 100 रुपये पेनाल्टी देनी होगी और उसके बाद के महीनों के लिए 50 रुपये प्रतिमाह लेट फीस देनी होगी. नियमों का पालन न करने पर पहली बार अवैध डेयरी संचालक पर एक हजार रुपये, दूसरी बार दो हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. शहर में किसी भी अवैध डेयरी पर अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकेगा.
लाइसेंस धारक पशुपालक को नगर निगम टोकन देगा, जिसे पशु की गर्दन में बांधना अनिवार्य होगा. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि टोकन साफ तौर पर दिखाई दे. इस टोकन से ही गाय और भैंस के मालिक की पहचान होगी. वहीं, नई नियमावली के मुताबिक, कोई भी पशुपालक, सार्वजनिक जगहों- गली, रोड, पार्क के आसपास पशुओं को खुले में नहीं छोड़ सकेगा. इसके अलावा पशुओं को कहीं भी लाने ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की परमीशन लेनी होगी.