दूध का एक-एक घूंट हेल्दी हो इसके लिए जरूरी है कि गाय-भैंस का दूध दुहाने से लेकर उसे बाजार में पहुंचाने तक सही तरीके से स्टोर किया जाए. ये कहना है केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का. हाल में मंत्रालय ने दूध की क्वालिटी को कैसे बरकरार रखा जाए इसे लेकर सोशल मीडिया पर कुछ टिप्स जारी किए हैं. मंत्रालय का ये भी कहना है कि जब लोगों को क्वालिटी का दूध और उससे बने प्रोडक्ट मिलेंगे तो डिमांड खुद बा खुद बढ़ने लगेगी. एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि हाथ से दूध निकालने के दौरान बहुत ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती है.
गांव-देहात ही नहीं शहरों में आज भी हाथ से ही पशुओं का दूध निकाला जा रहा है. हाथ से दूध निकालने के दौरान बरती गई छोटी सी लापरवाही भी पशु के साथ ही दूध पीने वाले को भी बीमार कर सकती है. पशु चिकित्सक बताते हैं कि अगर दूध निकालने से पहले हाथों को ठीक ढंग से नहीं धोया है तो पशु को जानलेवा थनैला बीमारी भी हो सकती है.
डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत कम चांस इस बात के होते हैं कि पशु के अंदर से दूध संक्रमित निकले. असल में पशुपालक की कुछ गलतियों और मिलावट के चलते ही दूध संक्रमित होता है. यही वजह है कि दूध बहुत देर तक नहीं चलता और खराब हो जाता है. लेकिन छोटी-छोटी सावधानियों से इस तरह की गलतियां सुधारी जा सकती हैं.
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