मुर्गी पालन अंडों के लिए किया जाए या फिर चिकन के लिए, पोल्ट्री सेक्टर में लगातार आ रहीं नई-नई टेक्नोलॉजी को अपनाकर लागत कम कर प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सकता है. इतना ही नहीं सिर्फ अंडे-चिकन से ही मुनाफा नहीं होगा, पोल्ट्री फीड मैनेजमेंट भी लागत को कम कर मुनाफे को बढ़ाता है. बीमारियों की रोकथाम कर दवाईयों पर होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है. साथ ही पोल्ट्री फार्म से हर रोज बड़ी मात्रा में निकलने वाले वेस्ट का अच्छी तरह से इस्तेमाल कर उससे भी मुनाफा कमाया जा सकता है. देखने-सुनने में बेशक ये टिप्स बेहद मामूली लगते हैं, लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक ये छिपा हुआ मुनाफा है.
इसी तरह के मुनाफे से पहचान कराने के लिए इस बार का पोल्ट्री इंडिया एक्सपो 2024 कुछ खास होगा. एक्सपो का आयोजन हैदराबाद में किया जाता है. दावा है कि ये साउथ एशिया का सबसे बड़ा एक्सपो है. एक्सपो का आयोजन भारतीय पोल्ट्री उपकरण निर्माता संघ (IPEMA) की ओर से हर साल नवंबर में किया जाता है. एक्सपो के दौरान अंडा, चिकन, मुर्गा-मुर्गी के बारे में खास जानकारियां दी जाती हैं. एक्सपो का पहला दिन यानि 26 नवंबर नॉलेज डे के नाम रहेगा. 27 से 29 नवंबर तक हाईटेक्स सिटी में एक्सपो का आयोजन किया जाएगा.
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IPEMA द्वारा पोल्ट्री इंडिया 2024 एक्सपो का आयोजन हैदराबाद किया जा रहा है. 26 नवंबर से 29 नवंबर तक इस एक्सपो का आयोजन किया जाएगा. पहले दिन यानि 26 नवंबर को नॉलेज डे रहेगा. इस दिन पोल्ट्री सेक्टर के सात एक्सपर्ट अलग-अलग टॉपिक पर अपनी बात रखेंगे. इस मौके पर देश और विदेश से आए पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े लोग अपने सवाल भी पूछते हैं. नॉलेज डे का लाइव टेलीकास्ट भी किया जाता है. अगले तीन दिन तक पोल्ट्री से जुड़े आइटम की प्रदर्शनी लगाई जाती है. शो से जुड़े आयोजकों की मानें तो 28 हजार, 400 वर्गमीटर एरिया में बने छह बडे हॉल में इसका आयोजन किया जाता है. बीते साल भी करीब 40 हजार लोगों ने इसे देखा था. इस साल भी इसे देखने के लिए 50 से ज्यादा देशों से लोगों के आने की उम्मीद है.
सोया मील और प्रोसेसिंग से जुड़ी मशीनरी पर जीएसटी में छूट दी जाए.
पोल्ट्री फीड को कंट्रोल करने के लिए मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए.
पशु रोगों से निपटने के लिए फास्ट-ट्रैक वैक्सीन आयात प्रोटोकॉल लागू हो.
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए स्कूली भोजन में अंडा शामिल किया जाए.
डिमांड वाले देशों में पोल्ट्री प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए "फोकस सेक्टर" की जरूरत है.
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