Sheep: बकरीद के लिए तैयार की जा सकती है इस खास नस्ल की भेड़, पढ़ें डिटेल 

Sheep: बकरीद के लिए तैयार की जा सकती है इस खास नस्ल की भेड़, पढ़ें डिटेल 

मुजफ्फरनगरी भेड़ों की एक खास और पुरानी नस्ल है. इस भेड़ को सिर्फ मीट के लिए ही पाला जाता है. 44 तरह की नस्ल के बीच यह एक ऐसी नस्ल की भेड़ है जिसका वजन भी सबसे ज्यादा होता है. ऐसा भी नहीं है कि इसके शरीर पर ऊन नहीं होती है.

मुजफ्फरनगरी भेड़ का पालन मीट के लिए किया जाता है. फोटो क्रेडिट-किसान तक
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 18, 2024,
  • Updated Apr 18, 2024, 3:39 PM IST

बकरीद में अभी करीब दो महीने का वक्त बाकी है. लेकिन बकरीद पर दी जाने वाली बकरे और भेड़ की कुर्बानी के लिए खरीदारी शुरू हो गई है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दो महीने पले बकरे और भेड़ खरीदकर उनका पालन करते हैं और बकरीद के दिन कुर्बानी देते हैं. बकरीद पर ज्यादातर लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं, लेकिन कई राज्यों में भेड़ की कुर्बानी भी दी जाती है. मेल भेड़ को मेंढा कहा जाता है. दक्षिण भारत के कई राज्यों समेत जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भेड़ की कुर्बानी दी जाती है. 

यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी कई जगह पर भेड़ की कुर्बानी दी जाती है. इस खबर में हम आपको भेड़ की एक ऐसी नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं जो ऊन से ज्यादा मीट के लिए पाली जाती है. कुर्बानी के लिए भी इसी नस्ल की खासतौर पर खरीदारी होती है. इसका मीट देशभर में पसंद किया जाता है. इसकी एक बड़ी खासियत ये भी है कि दूसरी नस्ल की भेड़ों के मुकाबले ये नस्ल 100 किलो के वजन तक पहुंच जाती हैं. भेड़ की इस नस्ल को मुजफ्फरनगरी भेड़ के नाम से जाना जाता है और ये मूल रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की है. 

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इसलिए पसंद की जाती है मुजफ्फरनगरी भेड़

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास का कहना है कि मुजफ्फरनगरी भेड़ को पसंद किए जाने की बड़ी वजह मीट में चिकनाई (वसा) का बड़ी मात्रा में होना है. जिसके चलते हमारे देश के ठंडे इलाके हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना समेत दूसरे राज्यों में भी मुजफ्फरनगरी भेड़ के मीट को बहुत पसंद किया जाता है. आंध्रा प्रदेश में क्योंकि बिरयानी का चलन काफी है तो चिकने मीट के लिए भी इसी भेड़ के मीट की डिमांड रहती है.

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ये होती है मुजफ्फरनगरी भेड़ की पहचान 

डॉ. गोपाल दास ने बताया कि अगर आप मुजफ्फरनगरी भेड़ खरीद रहे हैं तो उसकी पहचान कुछ खास तरीकों से की जा सकती है. देखने में इसका रंग एकदम सफेद होता है. पूंछ लम्बी होती है. घुटने से लम्बीं पूछ है तो मान लिजिए कि ये मुजफ्फरनगरी भेड़ है. 10 फीसद मामलों में तो इसकी पूंछ जमीन को छूती है. कान लम्बे होते हैं. नाक देखने में रोमन होती है. मुजफ्फरनगर के अलावा बिजनौर, मेरठ और उससे लगे इलाकों में भी पाई जाती है. 
 

 

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